निजी हॉस्पिटल में प्रसव के बाद प्रसव पीड़िता की मौत, हंगामा
निजी हॉस्पिटल में प्रसव के बाद प्रसव पीड़िता की मौत, हंगामा
फारबिसगंज.शहर के रेफर अस्पताल रोड में स्थित एक निजी हॉस्पिटल में प्रसव पीड़िता का नार्मल प्रसव होने के बावजूद उसकी हालत बिगड़ गयी. बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिये जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. मृतका के आक्रोशित परिजनों ने निजी अस्पताल में पहुंच कर जमकर हंगामा किया. हंगामा कर रहे शहर के वार्ड संख्या 01 जुम्मन चौक निवासी मृतका ममता देवी के पति दुर्गानंद पासवान ने घटित घटना के संदर्भ में बताया कि वे अपनी पत्नी प्रसव पीड़िता ममता देवी को प्रसव कराने के लिए सुबह 09 बजे रेफरल अस्पताल रोड स्थित एक निजी हॉस्पिटल में बगल के एक महिला के कहने पर लेकर आये. नार्मल प्रसव कराने का 17 हजार 500 रुपये में बात हुआ. नार्मल प्रसव से दो जुड़वा पुत्र हुआ. मृतका के पीड़ित पति ने कहा कि उनकी पत्नी का नार्मल प्रसव होने के बाद अस्पताल से कहा गया कि उसे ब्लड चढ़ाना होगा. उनकी पत्नी को ब्लड चढ़ाया गया. पीड़ित पति ने कहा कि ब्लड चढ़ने के बाद उनकी पत्नी का हालत बिगड़ता गया. हालत बिगड़ता देख चिकित्सक ने उसे बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया. बाहर ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. मृतका के पीड़ित पति सहित आक्रोशित परिजनों का आरोप था कि अस्पताल के द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने व ब्लड चढ़ाने के बाद प्रसव पीड़िता की हालत बिगड़ी और मौत हो गयी. पीड़ित दुर्गानंद पासवान ने बताया कि उनकी पत्नी ममता देवी का इससे पूर्व उनकी पत्नी को दो बार प्रसव सीजर से हो चुका था. ये तीसरा प्रसव था जो नार्मल हो गया था. दोनों जुड़वा बच्चा भी स्वस्थ है. लेकिन अस्पताल के लापरवाही के कारण उनकी पत्नी मौत हो गयी है. इधर प्रसव के बाद प्रसव पीडिता की मौत हो जाने को लेकर पीड़ित परिजनों के द्वारा उक्त निजी अस्पताल में हंगामा किये जाने की जानकारी मिलते ही वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मो शमशुल आलम,पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि बेलाल अली, संजीत पासवान उर्फ बब्लू सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंच कर आक्रोशित लोगों को समझा बुझा कर शांत किया. सामाजिक स्तर पर मामले को आपसी समझौता के तहत हल करा दिया गया. जिसके बाद पीड़ित व आक्रोशित सभी लोग शांत हुए. हालांकि इस संदर्भ में पूछे जाने पर उक्त निजी अस्पताल के संचालक ने बताया कि प्रसव पीड़िता के इलाज में किसी प्रकार का कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. मरीज की हालत अचानक खराब हो जाने के बाद उसे चिकित्सक ने रेफर कर दिया था.अस्पताल में उसकी मौत नहीं हुई है. मृतका के पीड़ित पति व परिजनों के द्वारा लगाये गये सारे आरोप को बिल्कुल बेबुनियाद बताया व इस प्रकार का कोई भी मामला नही होने की बातें कही.