अररिया : विशेष नामांकन अभियान पखवाड़ा की शुरुआत एक जुलाई से 15 जुलाई तक जिले के सभी विद्यालयों के पोषक क्षेत्र में की गई. इस अवसर पर सभी एचएम व विद्यालय के शिक्षकों ने अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर अनामांकित बच्चों का नामांकन किया. इस अभियान को लेकर जिले के सभी स्कूलो में दाखिला लेने का उत्सवी माहौल दिख रहा था.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से 1 से 15 जुलाई तक नामांकन पखवाड़ा का आयोजन किया गया था. इस दौरान जिले के सभी प्रखंडों में अनामांकित, बाहर से लौटे बच्चों की पहचान कर चिह्नित बच्चों का नामांकन किया गया. इसको लेकर 25 जून को परिषद् के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी डीइओ को विशेष आदेश दिया था.
38 हजार 376 बच्चों का हुआ नामांकन : 1947 स्कूलों में किये गये सर्वे में अन्य राज्यों से लौटे 252 प्रवासी मजदूरों के बच्चों का नामांकन लिया गया है. वहीं अन्य जिलों से आये 168 बच्चों का तो विद्यालय के पोषक क्षेत्र के तहत आने वाले 37 हजार 620 बच्चों के अलावा 336 दिव्यांग व अन्य 159 बच्चें शामिल हैं. इसमें सबसे ज्यादा नामांकन रानीगंज प्रखंड में लिया गया है तो सबसे कम नामांकन भरगामा प्रखंड में लिया गया है.
गांव लौटे बच्चों की पहचान कर लिया गया नामांकन : जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार ने कहा कि जिले के 6-14 आयु वर्ग के अनामांकित, गांव में लौटे बच्चों की पहचान कर उन्हें उम्र सापेक्ष्य कक्षा में नामांकन के लिए 1 से 15 जुलाई तक सघन अभियान नामांकन पखवाड़ा चलाया गया. इसमें विद्यालय के पोषक क्षेत्र के सभी टोला, बसावट में गृहवार सर्वेक्षण का कार्य संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा किया गया.
इसके लिए स्कूल के सभी प्रधानाध्यापक अपनी रणनीति तय कर कार्य को सफल किया. स्कूल के प्रधानाध्यापक संबंधित शिक्षकों को टोला आवंटित किया. प्रत्येक टोला व बसावट क्षेत्र के लिए अलग-अलग सर्वेक्षण सह नामांकन प्रपत्र का उपयोग किया. सर्वे के बाद बच्चों को उम्र के अनुसार वर्ग कक्षा में नामांकन कराया गया. इस विशेष पखवाड़े के तहत कूल 38 हज़ार 376 बच्चे का नामांकन हुआ.
posted by ashish jha