जोकीहाट. जोकीहाट के सिमरिया पंचायत बागमारा गांव के खुर्शीद की पत्नी गुलशन आरा व बेटा अयान का एक तरफ जनाजे की तैयारी दूसरी तरफ सड़क दुघर्टना में घायल तीन मासूम बच्चों को अस्पताल में गंभीर स्थिति में पड़ा देखकर गांव के लोगों को जबरदस्त सदमा पहुंचा है. दिल्ली से कई यादों में खोये खुर्शीद के सामने पत्नी और बेटे की मौत की खबर मिली तो उन्हें यकीन नहीं हुआ. अभी अभी तो गुलशन से बात हो रही थी कि एक घंटे में गुलशन बच्चों के साथ पति खुर्शीद को रीसिव करने बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंच जायेगी. लेकिन खुर्शीद एयरपोर्ट से बाहर आया तो पत्नी, बच्चों के सड़क दुघर्टना में मौत की बुरी खबर मिली. घटनास्थल पर पहुंचे तो पत्नी गुलशन आरा, बेटा अयान, साली गुड़िया, साढ़ू का बेटा अफ्फान व स्काॅर्पियो चालक इरशाद का शव देखकर उसके होने उड़ गये. घटनास्थल पर उपस्थित लोगों ने किसी तरह उन्हें भरोसा दिलाया. खुर्शीद के अन्य तीन घायल मासूम बच्चों को लहुलूहान हालत में सदर अस्पताल किशनगंज में भर्ती कराया गया. पत्नी गुलशन (उम्र 27 वर्ष) और बेटे अयान (08 वर्ष )के पोस्टमार्टम के बाद देर रात शव बागमारा पहुंचा. लोगों की भीड़ जहां शवों को देखने उमड़ पड़ी थी वहीं खुर्शीद की विधवा मां बेटे की दुनिया उजड़ जाने के गम में गमगीन थी. गांव में चारों तरफ गमगीन माहौल था. खुर्शीद के तीन बच्चे अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. गांव में जनाजे की तैयारी हो रही थी. बागमारा गांव के निवासी किसान कालेज जोकीहाट के प्रोफेसर फैय्याज आलम, सिमरिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अख्तर आलम ने बताया कि इस तरह की आफत एक ही परिवार के लिए हमने कभी नहीं देखा था. खुर्शीद के सामने बीबी और बेटे के जनाजे में शामिल होने और तीन मासूमों के जीवन बचाने की विकट स्थिति थी. लेकिन पत्नी और बेटे का अंतिम दीदार के लिए आखिरकार आंखों में आंसू लिये खुर्शीद गांव पहुंचकर जनाजे में शामिल हुआ. खुर्शीद की बदनसीबी पर लोग गमगीन थे. खुर्शीद स्वर्गीय गयासुद्दीन व बीबी अहमदी का पुत्र है. खुर्शीद के चार भाईयों में सबसे बड़ा मसूद फिर खुर्शीद, तीसरा रूस्तम व चौथा अब्दुल अजीज है. उधर अरतिया गांव में अफ्फान ( 4 वर्ष), पिता अबसर, गुड़िया (13 वर्ष), पिता मुजाहिद, घर थपकोल व स्काॅर्पियो चालक इरशाद (30 वर्ष) पिता शाहबुद्दीन, ग्राम महदेवा, पथराबाड़ी सभी थाना जोकीहाट का भी सोमवार को भारी भीड़ के बीच स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. एक साथ थपकोल, बागमारा, महदेवा व अरतिया गांव में मासूम सहित पांच लोगों की मौत कोई बड़ा आफत से कम नहीं था. वहीं थपकोल के मुजाहिद की दर्द भरी दास्तां कौन सुनेगा. उनकी दो बेटियां गुलशन व गुड़िया सोमवार को भी लोगों की जुबान पर सड़क दुघर्टना की बातें सुनीं जा रही थी.
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