Land Survey: 70 साल बाद कमलदाहा पंचायत में भूमि सर्वे का कार्य शुरू, ग्रामीणों के साथ जागरूकता बैठक आयोजित
Land Survey: अररिया के कमलदाहा पंचायत में 70 साल बाद भूमि सर्वे कार्य की शुरुआत को लेकर एक जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया.पंचायत कार्यालय भवन में आयोजित इस बैठक में ग्रामीणों को भूमि सर्वे से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई और सर्वे प्रक्रिया को समय पर पूरा करने का आग्रह किया गया.
Land Survey: अररिया 70 साल के बाद अब फिर से भूमि का सर्वे कार्य पुनः शुरू किया गया है. पहले 1954 में सर्वे हुआ था. उसके बाद अब 70 साल के बाद 2024 में सर्वे कार्य फिर से शुरू हुआ. ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से शनिवार को पंचायत कार्यालय भवन में एक बैठक आयोजित की गयी. जिसकी अध्यक्षता पंचायत की मुखिया नुजहत परवीन ने की.
Land Survey: सर्वे प्रक्रिया और ग्रामीणों की भागीदारी
इस जागरूकता बैठक में जानकारी देते हुए विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि संपूर्ण बिहार के सभी अंचल में विशेष सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है. इसमें रैयतों के जमीन से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी विस्तार से दी गयी. उन्होंने बताया कि इस कार्य को एक वर्ष में पूरा कर लेने का लक्ष्य है. इसमें धारित भूमि के समुचित साक्ष्य के साथ प्रपत्र 02 में भरकर सर्वे टीम के पास जमा कर दें, मनीष कुमार ने बताया इस कार्य में पंचायत के मुखिया और सरपंच से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं. पांच दिन के अंदर ये कार्य प्रारंभ हो जायेगा,.जिसमे सबसे पहले सीमांत सत्यापन और परिसीमन सीमांत कार्य किया जायेगा. इस पंचायत में तीन गांव कमलदाहा, बोची और लहना में सर्वे कार्य शुरू होगा जिसमें अमीन खुशबू कुमारी कानून गो विमलेश कुमार ग्रामीण को सहयोग करें.
Land Survey: मुखिया नुजहत परवीन की अपील
मुखिया नुजहत परवीन ने ग्रामीणों को बताया कि 1954 के बाद अब सत्तर वर्ष के बाद ये भूमि सर्वे का कार्य हो रहा है. इतने दिनों के बाद अधिकांश खतियान धारी अब जीवित भी नहीं रहे ऐसे में उसके परिवार के लोग आपस में भूमि का बंटवारा कर वंशावली बना लें. ताकि सर्वे में परेशानी न हो. सभी लोग इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करवा लें ताकि खतियान सही से बन सके और आगे चलकर भूमि विवाद के कारण कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़े. इस मौके पर पंचायत के उप मुखिया सुधीर कुमार के अलावा सभी जनप्रतिनिधि सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.