80 लाइसेंसधारी सहित 250 दुकानें हैं बाजार समिति में लाखों रुपये आता है राजस्व फोटो:-1- कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर में कीचड़ व गंदगी. प्रतिनिधि, फारबिसगंज फारबिसगंज कृषि उत्पादन बाजार समिति बरसात के दिनों में बद से बदतर हो जाती है. प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते जिले की सबसे बड़ी व प्रमुख व्यवसायिक मंडी फारबिसगंज कृषि उत्पादन बाजार समिति (विघटित) की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है. इस कृषि उत्पादन बाजार समिति में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है. लाखों रुपये प्रति माह राजस्व देने के बावजूद व्यवसायों के लिए सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है. ना ही सड़क है, और न ही शौचालय और न ही पेयजल की समुचित व्यवस्था है. बाजार समिति में चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. इस में लोगों का चलना बरसात के दिनों में परेशानी का सबब बन गया है. प्रतिदिन एक करोड़ रुपये के करीब की सब्जी व फल की खरीद-बिक्री यहां होती है. इसके अलावा किराना-गल्ला की थोक मंडी होने से हमेशा यहां सैकड़ो की संख्या में हमेशा छोटे बड़े वाहनों का काफिला बाजार बाजार समिति में लगा रहता है. बाजार समिति में 80 के करीब लाइसेंसधारियों व्यवसायी कार्यरत हैं. जबकि गैर सरकारी व्यवसायियों को संख्या दो सौ के करीब है. इस बाजार समिति में सालों भर जल-जमाव की समस्या से यहां के सैकड़ों व्यवसायी परेशान व पूरी तरह त्रस्त है. बाजार समिति की नारकीय स्थिति होने से व्यवसायियों के समक्ष चिंता सताने लगी की वे अपना व्यवसाय कैसे करें. बाजार समिति में सुबह होते ही लोगों की भीड़ जमा हो जाती है. हमेशा दर्जनों की संख्या में ऑटो, पिकअप वाहन यहां खड़े रहते हैं. लेकिन सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है. जिससे व्यवसायियों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश व्याप्त है. पिछले दिनों पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने बाजार समिति का निरीक्षण भी किया उन्हें भी समस्याओं से अवगत कराया गया. मगर समाधान कुछ नहीं हुआ. स्थानीय विधायक विद्यासागर केसरी ने बताया कि करीब 80 करोड़ की लागत से बिहार सरकार द्वारा बाजार समिति का जीर्णोद्धार कार्य जारी है. पहले चरण का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है. द्वितीय चरण का कार्य जारी हैं. कार्य संपन्न होने के बाद व्यवसायियों की समस्या का समाधान स्वतः हो जायेगा. नये लोगों को भी रोजगार के लिए जगह मिलेंगे.
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