22.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बच्चा बदल कर लड़का के स्थान पर लड़की देने का आरोप

परिजनों ने किया हंगामा

फारबिसगंज. अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज के प्रसव कक्ष में हुए सामान्य प्रसव के बाद प्रसव कक्ष में ड्यूटी पर तैनात प्रसव कक्ष प्रभारी व अन्य जीएनएम पर नवजात शिशु की अदला-बदली कर बेटा के स्थान पर बेटी दे देने का आरोप लगाते हुए प्रसव पीड़िता व उनके परिजनों ने शनिवार को अनुमंडलीय अस्पताल में जमकर हंगामा किया. पीड़ित टेढ़ीकात पगडेरा वार्ड संख्या 13 थाना सोनामनी गोदाम कुर्साकांटा निवासी उनेश सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पूर्व से एक पुत्री है. उनकी पत्नी किरण देवी को शुक्रवार की रात में जब प्रसव पीड़ा हुई तो वे आशा प्रतिमा देवी को साथ लेकर अपने पत्नी का प्रसव कराने के लिए शनिवार की सुबह लगभग 04 बजे अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज के प्रसव कक्ष में भर्ती कराया. जहां लगभग सुबह 04 बजकर 30 मिनट में सामान्य प्रसव हुआ. उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद प्रसव कक्ष में ड्यूटी पर तैनात प्रसव कक्ष प्रभारी जीएनएम पल्लवी कुमारी व अन्य जीएनएम ने बाहर आकर कहा कि उन्हें बेटा हुआ है. खुशनुमा में 01 हजार रुपये की मांग की. जब उन्हें 01 हजार रुपये दिया तो उन्हें डिस्चार्ज पेपर व नवजात शिशु को कपड़ा में लपेट कर शनिवार की सुबह 10 बजे डिस्चार्ज किया. पीड़ित परिजनों ने बताया कि जब वे लोग नवजात शिशु व प्रसव पीड़िता को घर लेकर गये. जब कपड़ा खोल कर देखा तो देखा कि जो नवजात शिशु उन्हें दिया गया वह बेटा नहीं बल्कि बेटी है. पीड़ित ने बताया कि जल्दी से वे लोग प्रसव पीड़िता व नवजात शिशु को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल आये. प्रसव कक्ष प्रभारी से कहा कि उन्हें जब बेटा हुआ था तो बेटी कैसे दिया गया व डिस्चार्ज पेपर भी दिखाया. पीड़ित ने बताया कि अस्पताल के द्वारा जो तीन डिस्चार्ज पेपर देखा गया है. उसमें भी बेटा ही लिखा हुआ है. पीड़ित परिजनों ने प्रसव कक्ष में नवजात को बदल लेने व डिस्चार्ज के समय बेटा के स्थान पर बेटी दे देने का आरोप लगाते हुए प्रसव कक्ष के सामने हंगामा किया. बल्कि बेटा देने की मांग की. स्थानीय थाना की पुलिस को भी घटना की जानकारी दी. इधर घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केएन सिंह अस्पताल पहुंच कर हंगामा कर रहे पीड़ित परिजनों को शांत करते हुए अपने कक्ष में बुलाया व प्रसव कक्ष प्रभारी जीएनएम पल्ली कुमारी व अन्य जीएनएम मिलन कुमारी व आरती कुमारी को बुला कर घटना की जानकारी ली. प्रसव कक्ष में उपलब्ध डिस्चार्ज रजिस्टर का भी अवलोकन किया. मौके पर प्रसव कक्ष प्रभारी ने बताया कि राशि मांगने व लड़का होने का आरोप बिलकुल निराधार है, प्रसव के बाद प्रसव पीड़िता के मौजूद परिजनों के सामने प्रसव पीड़िता को नवजात शिशु जो लड़की थी को सौंप दिया था. जहां तक बात डिस्चार्ज पेपर पर लड़का लिखें होने की बात है वह पेन का मिस्टेक है. जबकि अस्पताल के प्रसव कक्ष में मौजूद डिस्चार्ज रजिस्टर में लड़की लिखा होने की बातें कही. सबसे बड़ी बात तो ये सामने आ रही है कि अस्पताल के प्रसव कक्ष में उक्त प्रसव पीड़िता का प्रसव 04:30 बजे होता है. जबकि दूसरे अन्य प्रसव पीड़िता का प्रसव 04 बजे होता है. उसके बाद अन्य प्रसव पीड़िता का प्रसव होता है. दो प्रसव पीड़िता को अस्पताल से एक ही समय 10 बजे सुबह में डिस्चार्ज किया जाता है. बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन मामला काफी गंभीर है. जो जांच का विषय है. यही नहीं मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय थाना के अनि प्रसाद व स्थानीय थाना के 112 नंबर के पुलिस पदाधिकारी सदल बल अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच कर हंगामा कर रहे पीड़ित परिजनों व प्रसव कक्ष प्रभारी पल्लवी कुमारी से घटना की जानकारी ली. देर शाम तक प्रसव पीड़िता व उनके पति उमेश सिंह सहित अन्य प्रसव कक्ष प्रभारी पर बच्चा को बदलने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कर बेटा को लाकर देने की अपनी मांग पर अड़े है. कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक इस संदर्भ में पूछे जाने पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केएन सिंह ने कहा कि अस्पताल के प्रसव कक्ष के डिस्चार्ज रजिस्टर में लड़की लिखा है. मामले की जांच किया जा रहा है. जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं. जहां तक लड़का होने के नाम पर पार्टी देने के नाम पर रुपये लेने का जो आरोप है उसकी भी जांच की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें