सबका मंगल होते ही स्वयं का भी हो जाता है मंगल: स्वर्णरेखाजी
अपने जीवन को मंगलमय बनाने श्रावक श्राविका पहुंचे खुटौना
36- प्रतिनिधि, फारबिसगंज हर व्यक्ति अपने जीवन में मंगल चाहता है, नया वर्ष नया हर्ष लेकर आता है. 2025 नव वर्ष के नव प्रभात की बेला में तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण जी की परम कृपा से उनकी विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार ने वृहद मंगल पाठ श्रवण का फारबिसगंजवासियों को सुअवसर दिया. जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा फारबिसगंज के अध्यक्ष महेंद्र बैद व मंत्री मनोज भंसाली के नेतृत्व में एक वृहद संघ लगभग 165 व्यक्तियों का 01 जनवरी को नववर्ष की नव प्रभात की बेला में साध्वी श्री के दर्शनार्थ तीन बड़ी बस व पांच छोटी गाड़ियों के साथ रवाना हुआ. इतनी बड़ी संख्या में साध्वी श्री के दर्शन जाना संभवत नेपाल -बिहार क्षेत्र में पहला ही संघ होगा. इस वृहद संघ में वरिष्ठ एवं अनुभवी श्रावकों के साथ सभा, महिला मंडल ,युवक परिषद, कन्या मंडल व ज्ञानशाला के बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल थे. साध्वी श्री स्वर्णरेखा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि नववर्ष 2025 सबके लिए मंगलमय कल्याणकारी व अध्यात्म से भरपूर हो. सबका मंगल होते ही अपना मंगल स्वयं हो जाता है. यह जानकरी सभा की मीडिया प्रभारी कल्पना सेठिया ने दी.
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