शिविर में वृद्धों का बन रहा आयुष्मान कार्ड
शिविर में लोगों को दी जानकारी
21- प्रतिनिधि, फारबिसगंज 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज में आयोजित विशेष शिविर में पहुंच कर अपना आयुष्मान कार्ड बनवा रहे हैं. अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू होते ही सुबह से अस्पताल प्रबंधन के द्वारा लगातार माइकिंग कर लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अस्पताल में लगाये गये उक्त विशेष शिविर की जानकारी देकर लगातार जागरूक किया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि शुक्रवार को अनुमंडलीय अस्पताल में 70 वर्ष से अधिक आयु के 02 वृद्धजनों का व 62 सामान्य आयु के लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया. अनुमंडलीय अस्पताल में आयोजित विशेष शिविर में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आने वाले 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों व सामान्य आयु के लोगो का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए मुख्य रूप से स्वास्थ्य कर्मियों व डाटा ऑपरेटरों में आरोग्य मित्र सुधा कुमारी, आदिल ईमाम, जयप्रकाश मंडल, विजय कुमार जयसवाल, सूरज कुमार शर्मा, रूपेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे. ———— नल-जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ 22- प्रतिनिधि, फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज के नव पदस्थापित अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने पदभार ग्रहण कर लिया. इससे पूर्व वे जोकीहाट में पदस्थापित थे. उनका स्थानांतरण जोकीहाट से फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल में अस्पताल प्रबंधक के पद पर हुआ है. जबकि अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज के निवर्तमान अस्पताल प्रबंधक डॉ नाजिश अहमद नियाज का स्थानांतरण जोकीहाट में अस्पताल प्रबंधक के पद पर हुआ है. इधर अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज के नव पदस्थापित अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों व डाटा इंट्री ऑपरेटर सहित अस्पताल के अन्य कर्मियों के साथ बैठक कर एक दूसरे का परिचय करते हुए. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा किया. इस मौके पर डाटा एंट्री ऑपरेटर आदिल ईमाम, जयप्रकाश मंडल सहित अन्य मौजूद थे. ——- शोभा की वस्तु बनी नल-जल योजना पलासी.प्रखंड क्षेत्र के 21 पंचायतों में नल-जल योजना सरकार का महत्वपूर्ण योजना सिर्फ शोभा की वस्तु बनी हुई है. प्रखड के 21 पंचायतों में एक दो वार्ड छोड़ कर अन्य सभी वार्डों में नल-जल से निकलने वाला आयरन युक्त पानी लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. इस योजना में संवेदक द्वारा चांदी काटी गयी है. नल-जल योजना सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आयरन मुक्त पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रत्येक पंचायतों में करोड़ों की लागत से बोरिंग व पानी टंकी के माध्यम से पाइप लाइन बिछाकर हर घर नल-जल योजना का संचालन किया गया. जो आज शोभा का वस्तु बना हुआ है. इस संबंध में नल-जल संचालकों से संपर्क करने से बताया कि हमलोगों को संवेदक द्वारा संचालन कार्य के लिए जो मासिक राशि रखा गया है. वह भी कई महिनों से भुगतान नहीं किया गया है. जिससे हम संचालक पानी छोड़ने व बंद करना छोड़ दिये हैं. वहीं इस संबंध में पीएचडी जेई से संपर्क करने का कोशिश की गयी, जो विफल रहा.
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