अकीदत व हर्षोल्लास के माहौल में बकरीद संपन्न अररिया. ईद-उल-अजहा सोमवार को पूरे जिले में अकीदत व हर्षोल्लास के माहौल में मनाया गया. इस मौके पर मुस्लिम भाइयों ने विभिन्न मस्जिदों व ईदगाह में बकरीद की विशेष नमाज अदा की. अररिया शहर के जामा मस्जिद, कूबा मस्जिद ,आजाद एकेडमी स्कूल वाली मस्जिद ,आजाद नगर मोहल्ला वाली मस्जिद ,रहमानी मस्जिद, मस्जिद ए उस्मान ,मदरसा इस्लामिया यतीम खाना, नूरी मस्जिद ,मदीना मस्जिद ,रहिका टोला वाली मस्जिद ,खलीलाबाद जामा मस्जिद ,इस्लाम नगद ईदगाह ,रजोखर ईदगाह गैय्यारी ईदगाह ,खारिया बस्ती ईदगाह मैदान ,जीरो माइल मस्जिद , सिसौना मस्जिद, जागीर बस्ती वाली मस्जिद ,ककोरवा मस्जिद आदि में सुबह छह बजे से नौ बजे के बीच अलग अलग समय पर बकरीद की नमाज अदा की गयी. बकरीद पर्व पर सुबह से ही दिन भर मौसम काफी सुहाना रहा. नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने अपने घरों पर बकरे की कुर्बानी दी. ये पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है. इसलिए लोग इसी तीन दिनों में किसी एक दिन कुर्बानी करते है. कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्से में बांटकर एक हिस्सा गरीब व जरूरतमंद को एक हिस्सा अपने पड़ोसी या रिश्तेदार को व एक हिस्सा खुद अपने परिवार के लिए रखा जाता है. जामा मस्जिद अररिया के इमाम मौलाना आफताब मुजाहिरी ने अपने तकरीर में कहा की ईद उल अजहा जिसे हम बकरीद के नाम से जानते हैं. ये हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. हमारे द्वारा दिये गये जानवर का न तो गोश्त न ही उसका खून अल्लाह के पास जाता है. बल्कि हमारी नीयत और तकवा जाता है. दर असल ये रूह की कुर्बानी है. ये प्रेम ,समर्पण, शुक्र व सब्र की परीक्षा थी. जिसे लोग उस याद के तौर पर करते हैं. ये अल्लाह के सामने तमाम भावनाओं, इच्छाओं, अभिलाषाओं की कुर्बानी थी. अल्लाह के सामने अपने हर प्रकार के इरादे व इच्छाओं को खत्म कर देना था. उन्होंने बताया कि ये एक ऐसा पर्व है जिसमे वर्तमान समाज की तमाम सामाजिक, आर्थिक, नैतिक और सामुदायिक समस्याओं का समाधान सूत्र समाया हुआ है. जरूरत इस बात की है कि आज हमारे दिलों में कुर्बानी का जज्बा होना चाहिए. किसी की मदद करना, बुरे वक्त में काम आना अल्लाह के बताए मार्ग पर चलकर जीवन गुजारना असल में यही कुर्बानी है. बकरीद के मौके पर सभी चौक-चौराहे व नमाज वाली जगहों पर पुलिस तैनात दिखी. एक दिन पूर्व पुलिस ने फ्लेग मार्च भी निकाला था. इस बार नगर परिषद द्वारा शहर व इबादत वाले जगहों पर सफाई की व्यवस्था नही दिखी. चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी. जिसको लेकर लोगों में आक्रोश भी दिखा , केवल चूना छीट कर कहीं कहीं खानापूर्ति कर दी गयी थी. जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी क्षेत्र में भी बकरीद पर्व शांतिपूर्ण माहौल में मनाया गया.
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