अररिया: शुक्रवार को व्यवहार न्यायालय अररिया के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (षष्टम) देवराज की अदालत में एसीजेएम-1 न्यायालय से संबंधित बौसी थाना कांड संख्या 72/2020 की अपहृता जूली खातून का धारा 164 सीआरपीसी के तहत ब्यान दर्ज कराया गया. न्यायालय द्वारा पूछने पर अपना बयान दर्ज कराते हुए अपहृता ने न्यायाधीश देवराज को बताया कि वे आज से लगभग 10-12 दिन पहले अपने मन से लालो ऋषिदेव के साथ भागकर पूर्णिया गई थी व वहीं उसके साथ रहती थी.
अपहृता ने अपने बयान में यह भी बताया कि वह लालो ऋषिदेव से बहुत प्यार करती है. अपहृता को कराहता देख अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (षष्टम) देवराज द्वारा पूछा गया कि क्यों कराह रही हो, इसपर पीड़िता ने बताया कि बौंसी पुलिस द्वारा उसे दो दिन पूर्व ही पकड़ कर थाना लाया गया है. थाना में बड़ा बाबू द्वारा लाठी से मारपीट की गई है. जिसके चलते उसके बायें कमर पर काफी चोट है व बायें पांव पर चोट के निशान हो गये हैं. पीड़िता सह अपहृता ने बताया कि चोट लगने के कारण वह ठीक से चल नही पा रही है.
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (षष्टम) देवराज द्वारा पूछा कि अब कहां जाना चाहती हो, इस पर उसने कहा कि मैं अपनी दादी के साथ घर जाना चाहती हूं. पीड़िता सह अपहृता के द्वारा दिये गये ब्यान को न्यायाधीश देवराज द्वारा कमलबद्ध किया गया. दुसरी ओर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (षष्टम) देवराज द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता क्रमश: कुमारी बीणा व विनीत प्रकाश को बुलवाकर पीड़िता सह अपहृता की स्थिति से अवगत कराया. महिला अधिवक्ता कुमारी बीणा अपहृता की मनोदशा को देखते हुए सुझाव दिया कि पीड़िता को काफी अंदरूनी चोटे भी हो सकती हैं. इसलिए पीड़िता की मेडिकल जांच आवश्यक है.
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (षष्टम) देवराज ने पीड़िता की मेडिकल जांच के लिए एक आदेश जारी करते हुए सिविल सर्जन अररिया से नेचर आफ इंजूरी, टाइम आफ इंजूरी व मैनर आफ इंजूरी की मांग की है. सनद रहे कि रानीगंज अंचल के बौंसी थाना क्षेत्र के धोबनिया वार्ड संख्या 09 के रहने वाले मो लियाकत ने अपनी बेटी के अपहरण के बाबत बौंसी थाना में लालो ऋषिदेव के विरूद्ध बौसी थाना मामला दर्ज कराया था.