सीमांचल की महत्वपूर्ण सीट अररिया पर अपनी जीत के लिये भाजपा व राजद आमने-सामने
चार सौ का टारगेट पूरा करने के लिए चुनाव से ठीक पहले जदयू से हाथ मिलाकर भाजपा ने अररिया लोकसभा सीट पर अपनी मजबूत किलाबंदी की है
प्रतिनिधि, अररिया. चार सौ का टारगेट पूरा करने के लिए चुनाव से ठीक पहले जदयू से हाथ मिलाकर भाजपा ने अररिया लोकसभा सीट पर अपनी मजबूत किलाबंदी की है. भाजपा ने इस सीट पर लगातार चौथी बार अपने निवर्तमान सांसद प्रदीप कुमार सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं बहुत कम समय में अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय देने वाले क्षेत्र के कद्दावार नेता मरहूम जनाब तसलीमुद्दीन के छोटे बेटे व जोकीहाट विधायक मो शाहनवाज आलम पर राजद ने अपना दांव लगाकर लोकसभा सीट पर दावेदारी को लेकर जारी इस जंग को बेहद दिलचस्प बना दिया है. अब तक बेहद शानदार रहा है प्रदीप सिंह का राजनीतिक सफर. भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सिंह का अब तक राजनीतिक सफर भी बेहद शानदार रहा है. वर्ष 2005 में अररिया सदर से पहली बार विधायक निर्वाचित होने के बाद से अब तक क्षेत्र में उनकी पकड़ बनी हुई है. लोगों के बीच उनकी व्यक्तिगत छवि भी अब तक जबरदस्त रही है. विधानसभा चुनाव जीतने के तुरंत बाद 2009 में उन्होंने केंद्र की राजनीति में इंट्री मारी. भाजपा की टिकट पर जीत दर्ज कर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने लोकसभा पहुंच गये. हालांकि, 2014 व 2018 के लोकसभा चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. पहले तो उन्हें सीमांचल के इस इलाके में राजनीति के पितामह माने जाने वाले अपने राजनीतिक गुरु मो तसलीमुद्दीन के हाथों हार का सामना करना पड़ा. तो दूसरी बार उनके निधन के पश्चात वर्ष 2018 के उपचुनाव में उनके बेटे सरफराज आलम ने भी उन्हें परास्त कर दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फिर उन्हीं पर अपना दांव लगाया, लेकिन इस बार वे पार्टी के विश्वास को यकीन में बदलने में कामयाब रहे. 2024 का चुनाव उनके लिए इस यकीन को यादगार बना देने का मौका है. छोटे बेटे पर है पिता के राजनीतिक विरासत को सहेजने का जिम्मा. वहीं दूसरी ओर सीमांचल गांधी जनाब तसलीमुद्दीन की विरासत को सहेजने का जिम्मा इस बार उनके उनके छोटे बेटे मो शाहनवाज आलम के कंधों पर है. राजनीति उन्हें अपनी विरासत में मिली है. राजनीति में अभी वो भले नये हों, लेकिन अपनी सूझ बुझ काबिलियत के दम पर वे बड़े से बड़े शूरमाओं को भी राजनीतिक की पिच पर धूल चटाने का मादा रखते हैं. पहली बार वर्ष 2018 में राजद की टिकट पर जोकीहट के विधायक बने, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा ठुकराये जाने के बाद उन्होंने एआइएमआइएम का दामन थाम कर जोकीहाट विधानसभा सीट पर न सिर्फ अपनी दावेदारी पेश की, बल्कि 1996 से 2015 के बीच चार बार जोकीहाट विधानसभा सीट व अपने पिता के निधन के बाद 2018 में अररिया लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके अपने बड़े भाई मो सरफराज आलम को चुनाव में करारी शिकस्त देने में कामयाब रहे. विधायक बनने के तुरंत बाद उन्होंने एआईएमआईएम के तीन विधायक अंजार नईमी, सैयद रुकनुद्दीन अहमद व इज़हार असरफी को साथ लेकर 29 जून 2022 को राजद में शामिल हो गये. इससे राजद बिहार विधानसभा में 80 सदस्यों के साथ भाजपा को पछाड़ कर सबसे बड़ी ताकत बन गयी, तो मो शाहनवाज पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का विश्वास हासिल करने में भी कामयाब हुए. उन्हें इसका इनाम साल 2022 में सूबे का राजनीतिक परिदृश्य में आये बदलाव के बाद मिला. उन्हें महागठबंधन सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री का महत्वपूर्ण पदभार सौंपा गया. इतना ही नहीं इस बार राजद ने अररिया लोकसभा सीट पर भी उन्हें अपना उम्मीदवार बना कर एक मजबूत दांव लगाया है. मो शाहनवाज की व्यक्तिगत छवि का लोगों के बीच जबरदस्त असर है. अब देखना ये है कि क्या राजद अपने इस पुराने गढ़ को एक बार फिर बचा पाती है या बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए गठबंधन एक बार फिर उन्हें पटकनी देने में कामयाब होता है. भाजपा व राजद के बीच मुख्य चुनावी मुकाबला तय. पिछले कुछ चुनाव से लोकसभा सीट पर मुख्य चुनावी मुकाबला भाजपा व राजद के बीच ही होता आ रहा है. इस बार भी इसमें किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है. हालांकि, हाल के चुनावों में हर बार यहां पार्टी व सांसद बदलने का ट्रेंड रहा है. जो मुकाबले को और दिलचस्प बनाता है. राजद उम्मीदवार शाहनवाज आलम मजबूत पॉलिटिकल परिवार से ताल्लुक रखते हैं और बहुत कम समय में अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय दे चुके हैं. तो वहीं क्षेत्र के कद्दावार नेता मो तसलीमुद्दीन के सानिध्य में कभी अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत करने वाले भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह भी अब राजनीति में काफी मंज चुके हैं. लिहाजा दोनों के बीच कांटों का टक्कर स्वभाविक है. कुछ इस तरह है सीट का सियासी समीकरण. लोकसभा सीट पर कास्ट इक्वेशन की बात करें तो यहां 56.6 फीसदी हिंदू व 42.9 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. हालांकि समय, काल व परिस्थिति के आधार पर यहां के मतदाताओं का चाल व चरित्र हमेशा बदलता रहा है. लिहाजा फिलहाल किसी पार्टी के जीत का कयास लगाना एक बचकानी हरकत मालूम होता है. गौरतलब है कि लोकसभा सीट पर 1967 से 1984 तक अररिया लोकसभा सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन इसके बाद के वर्षों में कांग्रेस के किले की दीवारें लगातार दरकता जा रहा है. समाजवाद की लहर के बीच हुए दो चुनावों में जनता दल व इसके बाद अब तक के सभी चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा व राजद के बीच ही सिमट कर रह गया है. भाजपा ने किया सबका सम्मान, सबको दिया उन्हें अपना अधिकार: प्रदीप कुमार सिंह प्रतिनिधि, अररिया. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने सिकटी विधानसभा में चुनाव संचालन के लिये पलासी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कार्यालय का उद्घाटन किया. अररिया से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ने फीता काट कर सिकटी विधानसभा अंतर्गत चुनाव संचालन के लिये कार्यालय का उद्घाटन किया. वहीं कार्यालय उद्घाटन के बाद जिलाध्यक्ष व एनडीए प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ने उपस्थित कार्यकर्ताओं व सांगठनिक पदाधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं को उमंग व जोश के साथ मतदाताओं से मुलाकात कर उन तक पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किये गये कार्यों को पहुंचाने व उनके प्रणाम के निवेदन को भी पहुंचाने का निर्देश दिया. प्रदीप कुमार सिंह ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम सभी एनडीए के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी से कहना चाहेंगे कि आप सभी एकजुट होकर इस चुनाव में एनडीए का साथ दें व पीएम मोदी को पुनः देश के प्रधानमंत्री बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल समेत जिला व सिकटी विधानसभा के तमाम पदाधिकारी व एनडीए के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे. दो मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अररिया में करेंगे चुनावी सभा को संबोधित अररिया. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 2 मई को एनडीए की ओर से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह के पक्ष में अररिया में जनसभा को संबोधित करेंगे. जेपी नड्डा सिकटी विधानसभा के धर्मगंज स्थित मेला मैदान में हेलिकॉप्टर के माध्यम से पहुचेंगे. इसके बाद साढ़े ग्यारह बजे धर्मगंज मेला मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे. इसको लेकर अररिया में राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गईं हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव आगामी 7 मई को होना है. अररिया लोकसभा में तीसरे चरण में मतदान होने हैं. इसे लेकर तैयारियां आखिरी चरण में है. वहीं अररिया से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह के पक्ष में पीएम मोदी, सीएम नीतीश कुमार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान, हम पार्टी के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, मनोज तिवारी, स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे, विजय चौधरी, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत एनडीए के दर्जनों दिग्गजों ने अलग-अलग तिथियों पर अररिया पहुंचकर यहां के मतदाताओं से प्रदीप कुमार सिंह के समर्थन में वोट देने की अपील कर चुके हैं. वही 2 मई को राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन से पूर्व प्रदीप कुमार सिंह ने अररिया के लोगों से इस जनसभा में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. उन्होंने कहा कि 2 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी अररिया आ रहे हैं, इसे लेकर मैं आप तमाम अररियावासियों व एनडीए के कार्यकर्ताओं बंधु से राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनसभा में उपस्थित होकर राष्ट्रहित के विषयों को सुनें व एनडीए से जुड़कर लाभ लें. सभी गिले शिकवे भुलाकर एकजुटता से एनडीए कार्यकर्ता करें कार्य: प्रदीप कुमार सिंह फारबिसगंज. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने चुनाव संचालन के लिये फारबिसगंज मुख्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कार्यालय का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे. अररिया लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाना है. इसके लिये सभी कार्यकर्ता एक जुट होकर अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करें. उन्होंने कार्यकर्ताओं को उमंग व जोश के साथ मतदाताओं से मुलाकात कर उन तक पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किये गये कार्यों को पहुंचाने का निवेदन किया. उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता गिले शिकवे भूलकर एक साथ कार्य करें तभी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को हम मजबूत कर सकते हैं. इस मौके पर फारबिसगंज विधायक विधासागर केसरी उर्फ मंचन केसरी, जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण मेहता, नगर अध्यक्ष रजत सिंह, प्रो गणेश ठाकुर, प्रताप नारायण मंडल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष चांदनी सिंह, विपिन मेहता, सुनील चौरसिया, प्रदीप कनौजिया, दिलीप पटेल, राहिल खान समेत बड़ी संख्या में फारबिसगंज विधानसभा के पदाधिकारी व एनडीए के दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.
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