दिव्यांगता प्रमाण पत्र को लेकर शिविर आयोजित

शिविर से दो आवेदक अनुपस्थित

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2024 7:40 PM

फारबिसगंज. दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले दिव्यांगों के स्वास्थ्य व शारीरिक जांच के प्रतिशत की जांच कर प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए पुरानी पीएचसी के में बुधवार को एक दिवसीय जांच शिविर का आयोजन किया गया. आयोजित जांच शिविर में उपस्थित अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षल डॉ केएन सिंह, पीएचसी प्रभारी डॉ राजीव कुमार बसाक, डॉ रूपेश कुमार सहित अन्य चिकित्सकों ने शिविर में जांच के लिए पहुंचे दिव्यांगों के स्वास्थ्य व शारीरिक जांच अर्थात उनके दिव्यांगता के प्रतिशत की जांच की. इस मौके पर शिविर में पहुंचे कुल 38 दिव्यांगों के स्वास्थ्य व शारीरिक जांच अर्थात दिव्यांगता के प्रतिशत का जांच कर उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ बसाक ने जनाकारी देते हुए बताया कि 40 दिव्यांगजनों ने स्वास्थ्य व शारीरिक जांच अर्थात दिव्यांगता के प्रतिशत की जांच कराने व प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसमें से शिविर में 38 दिव्यांगजनों ने पहुंच कर अपने स्वास्थ्य व शारीरिक जांच अर्थात दिव्यांगता के प्रतिशत की जांच करायी. पंजीयन करा चुके 02 दिव्यांग शिविर में नहीं पहुंचे. शिविर के सफलतापूर्वक संचालन में बीइइ पंकज कुमार,एजाज अहमद,मो इस्माईल,प्रदीप कुमार सिंह सहित पीएचसी के अन्य स्वास्थ्य कर्मी सक्रिय होकर लगे रहे.

विद्यालयों में एनीमिया जांच कैंप का आयोजन

पलासी.

प्रखंड पलासी के 10 विद्यालयों में यूनिसेफ के सहयोग से फिया फाउंडेशन के द्वारा पलासी के विद्यालयों को जलवायु अनुकूल मॉडल विद्यालय बनाने की पहल की जा रही है. जिसमें पेयजल साफ सफाई व स्वच्छता, स्वास्थ्य व पोषण के प्रति बच्चों को सुदृढ़ किया जा रहा है. इस क्रम में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के प्रखंड पलासी में 10 विद्यालयों में तिथि वार स्वास्थ्य विभाग पलासी द्वारा टीम डॉ तालिब, फार्मासिस्ट तौकीर नइम, एएनएम सुमन कुमारी द्वारा उपस्थित छात्र-छात्रओं की काउंसलिंग करते हुए टी-3 टेस्टिंग हीमोग्लोबिन की जांच कराया जा रहा है. मौके पर पीएचसी प्रभारी ने बताया कि टी-3 शिविर के दौरान उपस्थित बच्चों के एक बूंद खून लेकर उसमें हीमोग्लोबिन स्तर की जानकारी प्राप्त की जा रही है. जांच के बाद एनीमिया से ग्रसित बच्चों को पहचान कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड की नीली व गुलाबी गोली उपलब्ध कराया जायेगा.

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