विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनायी गयी दादी प्रकाशमणि की पुण्यतिथि

दादी जी की जीवनी पर डाला प्रकाश

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2024 7:10 PM

फोटो:-6- डॉ दादी की पुण्य स्मृति दिवस श्रद्धांजलि देते संचालिका व अन्य.

प्रतिनिधि, फारबिसगंज

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाखा फारबिसगंज में ब्रह्माकुमारी की पूर्व प्रशासिका डॉ दादी प्रकाशमणि जी की 17वीं पुण्य स्मृति दिवस को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनायी गयी. दादी प्रकाशमणि जी अपने नाम को सार्थक करने वाली आत्मा थीं. उन्होंने अपने आसपास हमेशा ज्ञान रूपी प्रकाश फैलाने की सेवा में तत्पर रहीं. दादी जी ने बाबा की शक्तियों को अपने में आत्मसात कर विश्व बंधुत्व का संदेश पूरे विश्व में फैलायी. दादी प्रकाशमणि जी का मूल मंत्र था, निश्चय बुद्धि विजयन्ती. देह अभिमान में दुःख ही दुःख है. देही अभिमानी बन कर तनाव मुक्त जीवन यापन की जा सकती है. दादी जी ने अपने जीवन काल में कभी भी मैं शब्द का प्रयोग नहीं किया. यह अनुकरणीय है. मेरे -तेरे के बंधन से मुक्त रहना ही सफल जीवन की कुंजी है. ओम शांति सेंटर की संचालिका बीके रुकमा दीदी ने प्रकाशमणि दादी जी के जीवन पर प्रकाश डाला. जबकि आदित्य भाई के द्वारा उपस्थित भाई बहनों को ध्यान कराया गया. बिछोह होने वाली आत्माओं की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी गई. मौके पर दिल्ली के पालम ओम शांति सेंटर की बीके रेखा दीदी, सीता दीदी, संतोषी दीदी, फुल कुमारी दीदी रेखा धनावत, मृदुला दीदी, बबीता दीदी, संगीता दीदी,आजात शत्रु अग्रवाल,मदन मोहन कनौजिया, डॉक्टर उमेश मंडल,सुनिल केशरी,दुलाल भाई, आदित्य भाई, विकास भाई, अशोक भाई आदि ने उपस्थित रह कर कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय व सराहनीय योगदान दिया.

दादी निश्चल आत्मिक प्रेम की प्रतिमूर्ति थीं: राजयोगिनी उर्मिला बहन

फोटो-7-श्रद्धांजलि देते उर्मिला बहन व अन्य लोग.

अररिया. अररिया आरएस स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दादी प्रकाशमणि की 17वीं श्रद्धांजलि समारोह राजयोगिनी उर्मिला बहन व संजय गुप्ता के नेतृत्व मनायी गयी. दादी प्रकाशमणि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उर्मिला बहन ने कहा कि आप 1936 में इस संस्था के स्थापना के समय ही जुड़ीं व 1969 में ब्रह्मा के अव्यक्त होने पर इस संस्था की बागडोर संभाली. नेल्सन मंडेला मदर टेरेसा, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, महामंडलेश्वर की उम्र में छोटी होने के बाद भी वे सभी उन्हें दादी मां कहकर संबोधित करते थे. मुख्य अतिथि अररिया जेल के असिस्टेंट जेल अधीक्षक कुंदन सिंह व प्रवीण कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा ऐसी मलिकाएं जिन्होंने अपना सारा जीवन कायनात को सुंदर बनाने में लगा दिया. केवल एक शक्तिशाली आत्मा ही प्रेम दे सकती है. 2000 में शिकागो में अमेरिका में विश्व धर्म सम्मेलन में उन्हें मनोनीत अध्यक्ष बनाया गया. राजस्थान के राज्यपाल एम चन्ना रेड्डी मैं उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से अलंकृत किया. इस मौके पर फुल मनी बहन, सागरी बहन, अंशिका बहन, कौशल्या देवी, शंकर साह, पिंटू साह, महेश केडिया, प्रभावती बहन सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.

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