चावल बेचकर जुटाए पैसे तो नाबालिग बेटे का शव आया बिहार, काम के नाम पर ओडिशा लेकर गया था एजेंट
बिहार के अररिया जिले के एक बच्चे की मौत ओडिशा में हो गयी. उसे काम दिलाने के नाम पर बहला-फुसलाकर एजेंट साथ लेकर गया था.
बिहार के अररिया जिले के एक नाबालिग लड़के की मौत ओडिशा में मजदूरी करने के दौरान हो गयी. उसे बहला-फुसलाकर गांव का एक व्यक्ति काम दिलाने के नाम पर लेकर गया था. परिजनों में गांव के ही एक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों ने खाने के लिए रखा चावल बेचा और उसके बाद पैसे का जुगाड़ करके लड़के का शव गांव मंगवाया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव से दो दर्जन से अधिक बच्चों को बहला-फुसलाकर काम के लिए ले जाया गया है.
घर में रखे चावल को बेचकर मंगवाया शव
नगर थाना क्षेत्र के बनगामा गांव के एक नाबालिग लड़के की ओडिशा में मजदूरी करते हुए मौत हो गयी. नाबालिग लड़के के शव को मुखिया व परिजनों के सहयोग से 26 जनवरी को घर लाया गया. परिजन इतने गरीब हैं कि शव लाने के लिए उनके पास पैसे तक नहीं थे. थक-हारकर घर में खाने के लिए रखे चावल को बेचकर पैसे का जुगाड़ किया और मृतक मिट्ठू का शव बनगामा पंचायत अंतर्गत खेरूगंज वार्ड संख्या 01 लेकर आये.
ALSO READ: नरमुंड से पानी पिलाकर करते थे इलाज, बिहार के भागलपुर में कब्र खोदकर शव का सिर काटने वाले गिरफ्तार
बहला-फुसलाकर मजदूरी करने ले गया था ओड़िशा
महेंद्र ऋषिदेव की बेटी व मृतक की बहन तपस्या देवी ने बताया कि उसके भाई मिट्ठू कुमार (16) को गांव का ही एक युवक बहला-फुसलाकर एक माह पूर्व ओडिशा लेकर चला गया. वहां उससे रेलवे में ठेकेदार बंधुआ मजदूर की तरह काम करवा रहा था. तीन टाइम खाना दिया जाता था. जब इसकी जानकारी मिली, तो परिजनों ने मिट्ठू कुमार को घर भेजने की बात कही. लेकिन नंदनपुर मौजा के बनगामा वार्ड संख्या 06 निवासी कमल ऋषिदेव ने उसके भाई को घर नहीं भेजा. वह दो दर्जन से अधिक स्थानीय नाबालिग लड़कों को भी बहला-फुसलाकर लेकर चला गया और ओड़िशा के रायगढ़ में मजदूरी कराने लगा.
ट्रेन से हादसे की बनायी कहानी, शव जलाने का बनाया दबाव
तपस्या देवी ने बताया कि गुरुवार को कमल ऋषिदेव का फोन आया कि मिट्ठू रेलगाड़ी से दुर्घटना का शिकार हो गया है. मौत होने के बाद उसका शव क्षत-विक्षत हालत में है. उसने बहाना बनाते हुए शव को नहीं भेजा. कमल ऋषिदेव ने परिजनों से कहा कि 60 हजार रुपये ले लो. शव की हालत बहुत खराब है, इसलिए ओडिशा में ही अंत्येष्टि कर देते हैं. लेकिन परिजन नहीं माने. उन्होंने खाने के लिए रखे चावल को बेचकर किसी तरह रुपये का जुगाड़ किया और मृतक के पिता महेंद्र ऋषिदेव को ओड़िशा भेजकर शव मंगवाया. मृतक की बहन ने बताया कि वहां से आने के समय ठेकेदार ने 1000 रुपये रास्ते के लिए दिया था. वह भी कमल ऋषिदेव ने ले लिया.
कई और बच्चे चंगुल में, प्रशासन से ग्रामीणों ने लगायी गुहार
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कमल ऋषिदेव गांव के 25 बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ मजदूरी कराने ले गया है. इनमें से राजू ऋषिदेव ओडिशा में मोबाइल चोरी के आरोप में जेल में है. स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि कमल ऋषिदेव 25 बच्चों को बनगामा गांव से ओडिशा ले गया है. सभी बच्चों को कमल ऋषिदेव के चंगुल से निकालकर अररिया लाया जाये. मृतक के परिजन अत्यंत गरीब हैं. उनके परिजनों को सरकारी मदद दिलायी जाए. परिजनों ने कमल ऋषिदेव पर हत्या का आरोप लगाते हुए उचित न्याय की गुहार लगायी है.