बीआरसी की लापरवाही से शिक्षकों के वेतन भुगतान में विलंब
प्रखंड संसाधन केंद्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की हो जांच
विभागीय आदेश के बावजूद समय से बिल जमा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण: संघ प्रतिनिधि, अररिया सरकार बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शिक्षकों को समय से वेतन भुगतान के लिए प्रतिबद्ध है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने तीन माह का अग्रिम आवंटन जिला को उपलब्ध करा दिया था. ताकि शिक्षकों को प्रत्येक माह एक तारीख को भुगतान कर दिया जाय. स्थानीय स्तर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा भी समय-समय पर पत्र जारी कर सभी बीइओ को माह के 28 तारीख तक शिक्षकों का बिल हरहाल में डीपीओ स्थापना कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया जाता रहा है. बावजूद समय से बिल जमा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि विभागीय निर्देश के आलोक में सभी बीआरसी को माह के 25 तारीख तक अब्सेंटी जमा लेना है. 28 तारीख तक शिक्षकों का बिल स्थापना डीपीओ के कार्यालय में उपलब्ध कराना है. बावजूद बीआरसी स्तर से बिल जमा करने में अनावश्यक रूप से काफी विलंब किया जाता है. जिस कारण से कभी भी शिक्षकों का समय से वेतन भुगतान नहीं हो पाता है. जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि विभाग के सख्त आदेश के बाद भी बीआरसी के माध्यम से समय से बिल जमा नहीं करना भ्रष्टाचार को जन्म देने के समान है. उन्होंने कहा कि वेतन भुगतान प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब करना, मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश, एरियर की राशि आदि के भुगतान में बीआरसी स्तर पर महीनों विलंब किया जाता है. ताकि इस आड़ में अवैध राशि की उगाही की जा सके. प्रशांत कुमार ने कहा कि समय से बिल जमा नहीं करना लगभग सभी प्रखंडों की परिपाटी सी बन गयी है. उन्होंने कहा कि शिक्षक पढ़ाने के सिवा अन्य कोई काम भी नहीं कर पा रहे हैं. सैलरी पर पूरा परिवार आश्रित है. ऐसे में समय से वेतन नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांग की है कि बीआरसी स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार की जांचकर दोषी पदाधिकारी व कर्मी पर अविलंब विभागीय कार्रवाई की जाये. अन्यथा इस मुद्दे को लेकर संघ धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जायेगी.
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