जोकीहाट : मुहर्रम पर्व की नवमीं के अवसर पर प्रतिबंध के बावजूद शनिवार को जोकीहाट में जुलूस निकाला गया. जुलूस की सूचना पर प्रशासन नाराज दिखा. डीएम प्रशांत कुमार व एसपी हृदयकांत के निर्देश पर विधि व्यवस्था को लेकर एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर, डीसीएलार सलीम अख्तर, एसडीपीओ पुष्कर कुमार सहित भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी को तैनात किये गये थे. डीएम प्रशांत कुमार ने विधायक शाहनवाज आलम से बात कर जंगियों को जुलूस नहीं निकालने का आग्रह किया.
12 बजे डीएम व एसपी जोकीहाट पहुंचकर विधि व्यवस्था का मुआयना किये थे. अचानक तीन बजे के करीब जोकीहाट के निकट के एक दर्जन गांव के लोगों द्वारा जुलुस निकाला गया. इमामबाडे का फेरा लगाकर विधायक शाहनवाज आलम के कहने पर जुलूस में शामिल जंगी अपने अपने घर निकल गये. प्रतिबंध के बावजूद जुलूस निकालने से प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे. प्रशासन ने जुलूस रोकने का मन बना लिया था, लेकिन विधायक शाहनवाज आलम के शांतिपूर्ण पहल पर जुलूस निकाला गया.
मौके पर डीसीएलार सलीम अख्तर, डीएसपी पुष्कर कुमार, सीओ अशोक कुमार, जोकीहाट थानाध्यक्ष विकास कुमार आजाद सहित दर्जनों पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गश्त कर रहे थे. जिस गांव से जुलूस निकला था वहां के मुखिया, सरपंच, समिति सदस्य सहित गणमान्य लोगों से रविवार को जुलूस नहीं निकालने की बात कही गयी है.
मुहर्रम को ले रानीगंज थाने में हुई शांति समिति की बैठक : रानीगंज. मोहर्रम को लेकर शनिवार को रानीगंज थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आहुत हुई. इसकी अध्यक्षता जिला लोक शिकायत पदाधिकारी पंकज कुमार गुप्ता व पुलिस निरीक्षक श्याम सुंदर राय ने की. मौके पर प्रभारी थानाध्यक्ष सहबीर सिंह, सीओ रमण कुमार सिंह व बीडीओ अरविंद कुमार सहित विभिन्न पंचायत के दर्जनों लोग मौजुद थे.
कोरोना को लेकर संबंधित पर्व का आयोजन सादगी के साथ किये जाने का निर्णय लिया गया है. शांति व सद्भाव के माहौल बरकरार रखने के साथ ही इस बार जुलूस नहीं निकालने की सख्त हिदायत दी गयी है. संवेदनशील जगहों पर दंडाधिकारी व पुलिस बल के साथ पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. असामजिक तत्वों की हरकतों पर विशेष नजर रखी जायेगी.
इधर, इस्लामिक कलेंडर के एतवार से माहे मुहर्रम पहला महीना है इस्लाम मे इस महीने की बहुत सारी फजीलत बताई गई है. उक्त बातें जीप अध्यक्ष आफताब अजीम उर्फ पप्पू अजीम ने कही. उन्होंने जिले के तमाम अक़ीदतमंदों से अपील करते हुए कहा कि मजहबी एतबार से मुहर्रम गम करने व इबादत करने का महीना बताया गया है. इस महीने के दसवीं तारीख को हक पर चलने व सच्चाई के साथ जीवन यापन करने को लेकर हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में शहीद होकर आने वाले नशलों को हक परस्ती के लिए बेहतर संदेश दे गये.
उन्होंने हदीश का हवाला देते हुए कहा माहे मुहर्रम में फुजूल कार्यों से परहेज करते हुए गरीब, निसहाय, यतीमों के दुख दर्द में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ इबादत बंदगी करने का महीना बताया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना आपदा को लेकर सरकार के आदेशों के अनुसार सभी धार्मिक कार्यक्रम पर सख्त पाबंदी लगायी गयी है. यहां तक कि ताजिया जुलुश निकालने पर भी रोक लगाई गई है. उन्होंने अकीदतमंदों से यह भी अपील कर कहा कि मुहर्रम गम का महीना है, हक पर चलने समाज में फैली हुई कुरीतियों को दूर करने के लिए हजरत इमाम हुसैन ने कयामत तक के लिए बेहतर पैगाम दिया है.
posted by ashish jha