50 आंगनबाड़ी केंद्रों पर संचालित होगा प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास कार्यक्रम

तकनीकी मदद उपलब्ध करायेगा यूनिसेफ

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2024 7:24 PM
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कार्यक्रम के तहत 0 से 3 साल के बच्चों की संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास की होगी सतत निगरानीफोटो-10-कार्यक्रम में मौजूद जिलाधिकारी व यूनिसेफ के अधिकारी. प्रतिनिधि, अररियाबाल्यावस्था के शुरुआती दिन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. इसका असर जीवन भर रहता है. जन्म के बाद शिशु का मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है. जो उनके शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य, सीखने की क्षमता और व्यस्क होने पर उनकी सफलता को प्रभावित करता है. बाल्यावस्था के शुरुआती दिनों के महत्व को देखते हुए जिले के एक मात्र आकांक्षी प्रखंड पलासी में प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. डीएम अनिल कुमार की अध्यक्षता में आइसीडीएस व जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में इस कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गयी. बैठक में जिलाधिकारी सहित यूनिसेफ के राज्यस्तरीय अधिकारी पोषण डॉ अंतर्यामी दास, पोषण अधिकारी डॉ, शिवानी, डॉ संदीप घोष, सिविल सर्जन डॉ केके कश्यश्प, डीईओ संजय कुमार, आईसीडीएस डीपीओ मंजुला व्यास, डीपीएम संतोष कुमार सहित संबंधित विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद थे. यूनिसेफ के राज्यस्तरीय अधिकारियों ने बताया जिले में इस कार्यक्रम के सफल संचालन में यूनिसेफ तकनीकी मदद उपलब्ध करायेगा. पाइलट प्रोजेक्ट के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास कार्यक्रम का संचालन पूर्णिया जिले के बायसी व अररिया जिले के एकमात्र आकांक्षी पलासी में शुरू किया जा रहा है. आकांक्षी प्रखंड पलासी के चिह्नित 50 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रम संचालित किया जायेगा. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भारत सरकार गाइडलाइन के मुताबिक कार्यक्रम के तहत 0 से 3 साल के सभी बच्चों संपूर्ण शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास की निगरानी के साथ-साथ माता-पिता के साथ बैठक करते हुए छोटे बच्चों की समुचित खान-पान के साथ-साथ उनके बौद्धिक विकास की निगरानी करते हुए इसे बढ़ावा देने के लिये जरूरी पहल की जायेगी. विकलांग बच्चों की पहचान कर उनक समुचित इलाज सुनिश्चित कराया जायेगा. पूषा यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम इस कार्यक्रम के सफल संचालन में समुचित मदद उपलब्ध करायेगा.

परस्पर सहयोग व समन्वय से होगा कार्यक्रम सफल

जिलाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास कार्यक्रम की सफलता में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है. बाल्यावस्था के प्रारंभिक दिनों में पोषण, शिक्षा व समुचित स्वास्थ्य देखभाल से बच्चों के जीवन की मजबूत नींव तैयार की जा सकती है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग व जीविका के साथ-साथ प्रखंड व जिला प्रशासन के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए कारगर रणनीति के तहत जिले में कार्यक्रम का सफल संचालन सुनिश्चित कराया जायेगा.

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