श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रहे श्रद्धालु
अचछा कर्म करने से मिलती है शांति
भरगामा. भरगामा प्रखंड के सिमरबनी स्थित नंदकिशोर पुस्तकालय के विशाल मैदान में शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ को लेकर आसपास के क्षेत्र के लोगों खासकर युवाओं में खासा उत्साह का माहौल देखा गया. 10 दिवसीय आयोजन को लेकर दूर दराज से आने वाले संत, महात्माओं व श्रद्धालुओं के ठहरने व कथा सुनने के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. स्थानीय नंदकिशोर पुस्तकालय के विशाल मैदान में शुरू हुए श्रीमद्भागवत कथावाचन 08 जून तक चलेगा. यज्ञ को लेकर बड़े व आकर्षक पंडाल बनाये गये हैं. श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य कथावाचक उज्जैन से पधारे कन्हैया जी महाराज ने अपने कथावाचन में प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान रूपी दीपक प्रत्येक व्यक्ति में विराजमान हैं. जो भागवत कथा के ज्ञान के श्रवण से प्राप्त होती है. कहा कि भगवान श्री कृष्ण के अंतिम समय उद्धव ने प्रश्न किया कि प्रभु आप इस संसार से जा रहे हैं. अब भक्तगण आपका दर्शन कैसे करेंगे. भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि भक्तों मेरा दर्शन मेरे नाम, मेरे धाम, मेरे ग्रंथ में कर सकते हैं. इसी को चरितार्थ करने के लिए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता हैं. कथा के दौरान उन्होंने बताया कि जब मनुष्य ईश्वर भक्ति के सनातन पुरातन मार्ग को छोड़कर मनमाना आचरण करने लगता है तो इससे धर्म के संबंध में अनेक भ्रांतियां फैल जाती है. कथा वाचन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्थानीय जिला परिषद सदस्य किरण कुमारी, डाॅ मिथिलेश कुमार, माधव यादव, सुबोध कुमार सुधाकर, विक्रम कुमार मंडल, अशर्फी पाठक, मनोज कुमार दिवाकर ,संतोष बाबा, धर्मदेव पासवान ,गगन कुमार मंडल ,अनिल कुमार गुप्ता, बेचन शर्मा ,सुरेश शर्मा ,दुर्गेश कुमार, विजय यादव वार्ड एक, मिहिर कुमार, मासूम झा व समस्त सिमरबनीवासी जोर-शोर से जुटे हुए हैं.
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