बाल विवाह के मामलों में कमी लाने पर चर्चा

बीडीओ ने किया कार्यशाला का शुभारंभ

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2024 7:01 PM

फोटो-4-कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारी व प्रतिनिधि. प्रतिनिधि, सिकटी बाल विवाह व दहेज प्रथा की रोकथाम में ग्राम पंचायतों के मुखिया की प्रभावी भूमिका है. बिहार विवाह पंजीकरण नियमावली 2006 के तहत मुखिया को विवाह पंजीकरण का दायित्व दिया गया है. विवाह पंजीकरण के लिए विवाहों का वैध होना अनिवार्य है. ऐसी स्थिति में अधिकतम विवाहों को पंजीकृत किये जाने की आवश्यकता है. ताकि बाल विवाह की स्थिति में समय रहते कार्रवाई की जा सके. यह आह्वान बीडीओ परवेज आलम ने पंचायत प्रतिनिधियों से की. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन, जिला बाल संरक्षण इकाई अररिया, बाल रक्षा भारत अररिया व जागरण कल्याण भारती के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन विषय पर सिकटी में आयोजित प्रखंड स्तरीय कार्यशाला किया आयोजन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इस अभियान अंतर्गत गठित पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष के रूप में मुखिया से अपेक्षाएं हैं. दहेज व बाल विवाह मुक्त बिहार बनाना है. इसके लिए जिले में पंचायत स्तर, प्रखंड स्तर स्तर पर टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया है. इससे पहले प्रखंड मुख्यालय स्थित सभाभवन में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ बीडीओ परवेज आलम, जागरण कल्याण भारती अध्यक्ष संजय कुमार, बीपीआरओ अमीत कुमार मिश्रा, एसएसबी अधिकारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. उपप्रमुख लखिचंद प्रामाणिक की अध्यक्षता व बीडीओ के सफल संचालन में जीविका, मनरेगा, बाल विकास, पुलिस प्रशासन, मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी दी गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version