परित्यक्त बच्चों को आवासित करने की रणनीति पर विचार अररिया. विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण अररिया में बुधवार को जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक की अध्यक्षता में प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गयी. इसमें कई मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गयी. इस क्रम में वैसे अनाथ, परित्यक्त बच्चों को संस्थान में आवासित कराने पर जोर दिया गया. जो अन्यत्र कहीं भी फेंक दिये जाते हैं. लोगों को इस संबंध में जागरूक करने पर भी जोर दिया गया कि वे नवजात को कहीं अन्यत्र नहीं फेकें. नवजात को विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण अररिया के पालना में छोड़ जायें. नवजात को पालना में छोड़ने वालों की जानकारी भी गोपनीय रखी जायेगी. साथ ही ऐसे माता-पिता जो निःसंतान हैं. वो अन्यत्र रूप से बच्चे को गोद न लें वो सिर्फ विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण अररिया में अपना निबंधन करायें व जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे गोद लें. जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक शंभु कुमार रजक ने बताया कि पहले अररिया जिले में ऐसी सुविधा नहीं थी. लेकिन समाज कल्याण विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण का संचालन अब अररिया में शुरू हो चुका है. साथ ही वैसे लोग जो अन्यत्र रूप से फेंके गये बच्चे को रख लेते हैं. इस संबंध में अपने नजदीकी थाना सूचना जरूर उपलब्ध करायें. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत जरूरी कार्रवाई की सकती है. किसी व्यक्ति को अन्यत्र फेंके गये बच्चों के संबंध में जानकारी पहले अपने नजदीकी थाना या चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नंबर 1098 पर दी जा सकती है. सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग नीतेश कुमार पाठक सह सदस्य बाल कल्याण समिति ने कहा कि इस संबंध में विशेष जागरूकता फैलाने की जरूरत है. बैठक में बाल संरक्षण पदाधिकारी बबलू कुमार पाल, विकास कुमार, विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण अररिया के प्रबंधक मौजूद थे.
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