श्रीमद् भागवत कथा का समापन
कथा सुनने उमड़ी लोगों की भीड़
भरगामा. प्रखंड क्षेत्र के सिमरबनी स्थित नंदकिशोर पुस्तकालय मैदान में सोमवार को 10 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ का विधिवत समापन हो गया. श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य कथावाचक उज्जैन से पधारे कन्हैया जी महाराज ने अपने कथावाचन में प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान रूपी दीपक प्रत्येक व्यक्ति में विराजमान हैं. जो भागवत कथा के ज्ञान के श्रवण से प्राप्त होती हैं. कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के अंतिम समय उद्धव ने प्रश्न किया कि प्रभु आप इस संसार से जा रहे हैं. अब भक्तगण आपका दर्शन कैसे करेंगे. भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि भक्तों मेरा दर्शन मेरे नाम, मेरे धाम, मेरे ग्रंथ में कर सकते हैं. इसी को चरितार्थ करने के लिए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है. कथा के दौरान उन्होंने बताया कि जब मनुष्य ईश्वर भक्ति के सनातन पुरातन मार्ग को छोड़कर मनमाना आचरण करने लगता है तो इससे धर्म के संबंध में अनेक भ्रांतियां फैल जाती है. धर्म के नाम पर विद्वेष, लड़ाई- झगड़ा, भेदभाव, गलत आचरण होने लगता है. तब प्रभु अवतार लेकर इन बाह्य आडंबरों से त्रस्त मानवता में ब्रह्म ज्ञान के द्वारा प्रत्येक मनुष्य के अंदर वास्तविक धर्म की स्थापना करते हैं. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्थानीय जिला परिषद सदस्य किरण कुमारी, डाॅ मिथिलेश कुमार, पैक्स अध्यक्ष माधव यादव, सुबोध कुमार सुधाकर, विक्रम कुमार मंडल, अशर्फी पाठक, मनोज कुमार दिवाकर ,संतोष बाबा, धर्मदेव पासवान, गगन कुमार मंडल ,अनिल कुमार गुप्ता, बेचन शर्मा ,सुरेश शर्मा ,दुर्गेश कुमार, विजय यादव, मिहिर कुमार, मासूम झा सहित अन्य लोग शामिल थे.
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