यूरिया की किल्लत से परेशान किसानों ने किया प्रदर्शन
266 रुपये की यूरिया साढ़े 450 रुपये में बेच रहे दुकानदार
47-प्रतिनिधि, अररिया अररिया जिले में लक्ष्य से लगभग चार हजार हेक्टेयर अधिक जमीन में इस वर्ष धान की खेती हुई है. साथ ही समय से धान की रोपाई होने के कारण फसल भी लहलहा रही है. कृषक अच्छी पैदावार लेने के लिए दिन रात एक कर खेती में लगे हैं. लेकिन विडंबना है कि सरकार के लाख जतन के बावजूद जिले के अधिकांश प्रखंडों में यूरिया की किल्लत के कारण लहलहाते धान की फसल यूरिया के अभाव में दम तोड़ रही है वहीं अधिकांश खाद दुकानों में यूरिया की उपलब्धता नही रहने के कारण सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर भी लोगों को खाद उपलब्ध नही हो पा रही है. फारबिसगंज प्रखंड के फैना बैलाही के किसान अशोक सम्राट, मो रुस्तम, मो जिब्रील, हाजी हनीफ आदि किसानों ने बताया कि खाद के लिए कई खाद विक्रेताओं के दुकान का चक्कर काटने पड़ रहे हैं. वहीं बेबस होकर चोरी छिपे 266 रुपये का यूरिया 350 रुपये से 450 रुपये तक देकर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. बावजूद कृषि विभाग यूरिया की किल्लत को दूर करने व सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर यूरिया उपलब्ध कराने में नाकाम हो रही है.
खाद विक्रेताओं ने कहा 20 दिन पूर्व ही दिया गया है यूरिया उपलब्ध कराने का मांग पत्र
अररिया प्रखंड के कई खाद विक्रेताओं ने नाम नहीं उजागर होने के शर्त पर बताया कि यूरिया उपलब्धता के 20 दिन पूर्व ही प्रखंड कृषि पदाधिकारी को मांग पत्र दिया गया है. बावजूद अब तक खाद उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. इससे स्पष्ट है कि कृषि विभाग इस महत्वपूर्ण मामले में पहल नहीं कर पा रही है, जिसके कारण धान उत्पादक किसान परेशान हो रहा है व लहलहाती धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया है. जिले के कई प्रखंड क्षेत्र में यूरिया के लिए हाहाकार मच रहा है. यहां के किसी भी दुकान में पिछले 20 दिनों से यूरिया नहीं है.———–
जिले में निर्धारित धान की खेती 94 हजार हेक्टेयर के अनुरूप लगभग 98 हजार हेक्टेयर में हुई है. साथ हीं शुक्रवार दोपहर तक थोक विक्रेता व खुदरा विक्रेता के पास पर्याप्त में यूरिया उपलब्ध है व जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप सभी खाद विक्रेताओं के दुकान तक खाद पहुंचाने की नीति निर्धारित है. ऐसे में मनमानी करने व कृषकों को यूरिया व अन्य उर्वरक के उपलब्धता में कमी व नाजायज दाम लेने के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.गौरव प्रताप सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, अररिया.
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