अधिकारियों की कर दी गयी है प्रतिनियुक्ति अररिया की नदियों का नहीं है कोशी बराज से लिंक, बावजूद नेपाल में जारी भारी बारिश के कारण बना हुआ है खतरा फोटो:48-अधिकारियों के साथ समीक्षा करते डीएम अनिल कुमार. प्रतिनिधि, अररिया बाढ़ संभावित क्षेत्रों का डीएम अनिल कुमार, एसपी अमित रंजन सहित वरीय पदाधिकारियों ने शनिवार को जायजा लिया. जायजा लेने के बाद शनिवार को डीएम ने अपने कार्यालय वेश्म में प्रभात खबर को बताया कि बाढ़ प्रभावित मुख्यत: पांच प्रखंड सिकटी, पलासी, जोकीहाट, कुर्साकांटा प्रखंड का आंशिक हिस्सा व फारबिसगंज प्रखंड के पूर्वी हिस्सों पर नजर बनी हुई है. सीओ को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के आवश्यक स्थानों पर नाव के परिचालन का निर्देश दिया गया है. एलर्ट को लेकर सभी जगह सूचित कर दिया गया है, एसडीआरएफ की तीन टीमों को जोकीहाट, सिकटी व फारबिसगंज में प्रतिनियुक्ति किया गया है. जिले की नदियों का कोसी बराज से कोई लिंक नहीं है, लेकिन नेपाल में जारी बारिश के कारण जिले की नदियों में पानी आ रहा है, जिससे खतरा बना हुआ है. इसलिए नजर बनी हुई है, ऊंचे स्थानों पर पहुंचने वाले बाढ़ पीड़ितों के लिए जो भी आवश्यक सुविधाएं होंगी, जैसे कम्यूनिटी किचन चलाना, मेडिकल शिविर आदि वे किये जायेंगे. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निगरानी के लिए वरीय अधिकारियों को प्रभार दिया गया है. वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हो, इसके लिए विद्युत कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. मौके पर डीडीसी रोजी कुमारी, डीएम के ओएसडी मनीष कुमार सहित अन्य मौजद थे. —————— सीताधार व सायफन की जलकुंभी की सफाई प्रारंभ फोटो:49- शहर के काली मेला के समीप ऐतिहासिक सिताधार की सफाई कार्य में लगे मजदूर, निरीक्षण करते नप मुख्य पार्षद व इओ. प्रतिनिधि, फारबिसगंज बाढ़ जैसी त्रासदी झेलने को नहीं मिले इसको लेकर नगर परिषद प्रशासन शनिवार को पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. नप प्रशासन जल निकासी के मुख्य स्रोत शहर के पश्चिमी भाग से होकर बहने वाली ऐतिहासिक सीताधार व सायफन में भरे गाद, जलकुंभी व जंगलों की सफाई का कार्य प्रारंभ कर दिया है. आधा दर्जन से अधिक तैराक मजदूर शहर के काली मेला रोड के बीच से हो कर बहने वाली सिताधार वआइटीआइ कॉलेज के पीछे अवस्थित सायफन में भरे गाद व जल कुंभी व जंगल की सफाई में सक्रिय हो कर लगे हैं. जबकि नप के जेसीबी मशीन के माध्यम से भी जल कुंभी को निकलने व उसे हटाने कर दूसरे स्थान पर रखने का काम युद्ध स्तर पर नप के जेसीबी चालक व नप कर्मियों के द्वारा किया जा रहा है. ऐतिहासिक सिताधार व सायफन में जमे गाद, जलकुंभी व जंगल का कराये जा रहे साफ सफाई कार्य का नप की मुख्य पार्षद वीणा देवी, नप के ईओ सूर्यानंद सिंह, नप के स्वच्छता पदाधिकारी वंदना भारती ने निरीक्षण किया. सफाई कार्य में लगे तैराकों को आवश्यक व महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिया. इस मौके पर नगर पार्षद सैय्यद आबिद हुसैन उर्फ गुड्डू अली, रॉकी कुमार उर्फ नंदन ठाकुर, नप के प्रभारी प्रधान सहायक कामख्या नारायण उर्फ कुंदन सिंह, नप के स्वच्छता पर्यवेक्षक सूरज कुमार सोनू, सहित अन्य मौजूद थे. ————– सीओ व सीआइ ने कुशमाहा व पिपरा का किया निरीक्षण फारबिसगंज. विगत तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद प्रखंड के पिपरा व कुशमाहा पंचायत के समीप से हो कर बहने वाली परमान नदी के जल स्तर में वृद्धि होने व नदी के तट पर निचले इलाके में पानी के बिखराव होने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने की जानकारी मिलते ही बीडीओ सह सीओ चंद्रशेखर कुमार, सीआइ देवेंद्र पाठक सहित अन्य कनीय पदाधिकारियों के साथ पहुंच कर जायजा लिया. सीओ ने कुशमाहा पंचायत के वार्ड संख्या 02, 04 व पिपरा पंचायत के वार्ड संख्या 09 सहित अन्य वार्डों में पहुंच कर जायजा लिया. इस संदर्भ में पूछे जाने पर सीओ चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि कुशमाहा व पिपरा पंचायत के निचले इलाके में कुछ घरों में पानी गया था, लेकिन धीरे-धीरे पानी निकल रहा है, पानी कम हो रहा है, हालात बिल्कुल सामान्य हैं. —————- लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में घुसा पानी फोटो:51- घर के आंगन में घुसा पानी. प्रतिनिधि, सिमराहा फारबिसगंज प्रखंड मे लगातार हो रही बारिश से इलाके के परमान नदी, गगराहा, पनार सहित नहर की जलस्तर तेजी से बढ रहा है. वहीं शुक्रवार की रात से बारिश की बुंदों मे कमी आयी है, जबकी शनिवार को भी मौशम का रुख बना हुआ है. दो-तीन दिनों से लागातार भारी बारिश से खेत खलिहान सहित गढ्ढे, तलाब आदि भर जाने से निचले इलाकों मे पानी फैलने से खवासपुर व हलहलिया पंचायत के चकरघट्टा, नुनियारी आदि मार्गों पर बारिश का पानी चलने से मार्ग अवरूद्ध हो गया है. इधर फारबिसगंज प्रखंड के खवासपुर, गुरम्ही, रमई चकरघट्टा, नुनियारी, जागिर, हलहलिया, ठीलामोहन, बरदाहा, शुभंकरपुर, मानिकपुर, बारामानिकपुर, सिमराहा आदि जगहों के किसानों का कहना है कि बारिश के साथ इतनी तेज हवा चली है कि धान के पौधे झुक कर पानी मे गिर गया है.
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