बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की सेहत पर रखी जा रही नजर
मेडिकल कैंप में हो रही लोगों के सेहत की जांच, दी जा रही दवाएं
अररिया. जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जलजनित बीमारी व महामारी के प्रसार की आशंका बढ़ गयी है. डीएम अनिल कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग इस पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों में जुटा है. डीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन सुनिश्चित कराते हुए प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से मेडिकल कैंप संचालित करते हुए लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य जांच सहित जरूरी चिकित्सकीय परामर्श व दवाएं उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है. विभाग प्रभावित लोगों तक समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के प्रयासों में जुटा है. प्रभावित इलाकों में किसी तरह के महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से चूना, गैमेक्सिन व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है.
सात प्रखंड के 72 पंचायत बाढ़ से प्रभावित
डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में समुचित स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये गये हैं. बताया कि जिले के 07 प्रखंड अंतर्गत 72 पंचायत व कुल 305 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं 10 गांव ऐसे हैं, जिनका सड़क संपर्क भंग हो चुका है. प्रभावित इलाकों में 24 मेडिकल कैंप स्थापित किये गये हैं. इसमें कुल 64 स्वास्थ्य अधिकारी वव कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. चिह्नित 04 मेडिकल कैंप में एंबुलेंस सेवा बहाल है. प्रभावित इलाकों में गर्भवती महिला, गंभीर रोग से पीड़ित मरीज को चिह्नित करने के उद्देश्य से आशा, आशा फैसिलिटटेर, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं को शामिल करते हुए कुल 174 सर्वेक्षण दल गठित किये गये हैं. संबंधित क्षेत्रों में 124 ऐसी गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया है, जिनके प्रसव की तिथि बेहद समीप है. उनकी सेहत का समुचित ध्यान रखा जा रहा है. विभिन्न स्थानों पर संचालित मेडिकल कैंप के माध्यम से अब तक तकरीबन 02 हजार लोगों को समुचित स्वास्थ्य सहायता मुहैया करायी गयी है. वहीं 127 से अधिक गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराये जाने की जानकारी उन्होंने दी.
लोगों की सेहत का रखा जा रहा है समुचित ध्यान
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप संचालित किया जा रहा है. आवश्यक जांच के बाद लोगों के बीच जरूरी दवा नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है. वहीं बाढ़ का पानी कम होने के बाद इन इलाकों में ब्लीचिंग, गैमेक्सिन पाउडर व चूना का छिड़काव किया जा रहा है. ताकि किसी तरह के महामारी के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके. प्रभावित इलाकों में ओआरएस, बुखार व दर्द निवारक दवा प्राथमिकता के आधार पर लोगों के बीच वितरित की जा रही है. उन्होंने कहा कि जलजनित बीमारी व किसी तरह के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक जिले में उपलब्ध है. बाढ़ राहत को लेकर किये जा रहे कार्यों की समुचित निगरानी व अनुश्रवण किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.
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