पटना: अररिया जिले की दुष्कर्म पीड़िता को जेल भेजने के मामले में गुरुवार को पटना हाइकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. अब शुक्रवाार को इस मामले की सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लिखे गए पत्र को पटना हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए मामले को सुनवाई करने के लिये निबंधित करने का निर्देश हाई कोर्ट प्रशासन को दे दिया.
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश से पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट मंगवा ली . पहले इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ को सुनवाई करनी थी . बाद में इसे वरीय न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में भेज दिया गया था .
गुरुवार को न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह की दो सदस्यीय खंडपीठ के उपलब्ध नही रहने के कारण इस मामले को न्यायाधीश हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ में भेज दिया गया . वहां भी इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो पायी .अब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होगी .
मालूम हो कि पीड़ित लड़कियों ने अपनी शिकायत सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज करने के लिए अररिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बयान दिया था . बयान में पीड़िता एवं अदालत के बीच विवाद को लेकर पीड़िता के खिलाफ मामला दायर कर जेल भेज दिया गया . इस बीच अररिया जिला जज द्वारा भेजे गए रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटना को लेकर कई वकीलों ने अदालत के साथ अभद्र व्यवहार किया था . उन पर भी इस मामले में अवमानना का मामला चलाने का विचार किया गया है.