भरगामा. प्रखंड के रघुनाथपुर उत्तर पंचायत स्थित मवेशी हाट परिसर में शनिवार को दो दिवसीय अररिया जिला संतमत सत्संग का 13वां वार्षिक अधिवेशन समारोह की शुरूआत हो गयी. प्रवचन देते संतमत के मुख्य आचार्य संत स्वामी वेदानंद जी महाराज ने कहा कि भारत में जितने भी संत महात्मा हुए हैं. उन्होंने भगवान राम व कृष्ण के उपदेश को आत्मसात किया. लोगों को उस उपदेश को देने का काम किया. उन्होंने कहा कि धरती पर सकारात्मक व नकारात्मक सोच के लोग होते हैं. दानव प्रवृति का सोच रखने वाला व्यक्ति कुकृत्य कर सुखी होना चाहता है. ऐसा व्यक्ति कभी सुखी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि मानव जीवन में संतों की बहुत हीं महती भूमिका होती है. संतों की वाणी सत्यवाणी होती है. आज के आपाधापी भरी जीवन में मनुष्य अपने धर्म के प्रति विमुख होते जा रहें हैं. मनुष्य को जीवन काल में थोड़ा समय निकाल कर संतों की वाणी सुननी चाहिए. ताकि उसका जीवन सफल हो सके. जीवों में सबसे उत्तम मनुष्य योनि है. शरीर कठिन तपस्या के बाद प्राप्त होता है. शरीर को परोपकार में लगाना चाहिए .ताकि आगे भी मनुष्य योनि प्राप्त हो सके. स्वामी जी ने युवाओं के नशा के आदि होने पर चिंता जताते हुए कहा स्मैक रूपी नशा के गिरफ्त में युवा आ रहे हैं. भागलपुर कुप्पाघाट से मुख्य आचार्य संत स्वामी वेदानंद जी महाराज, स्वामी जग पारानंद जी महाराज, स्वामी रामारमण जी महाराज, स्वामी गोपालानंद बाबा, स्वामी अमितानंद बाबा, अरविंद बाबा, सज्जन बाबा सहित अन्य साधु संत का आगमन हुआ है. मंच संचालन महामंत्री संजय सत्यार्थी के द्वारा किया गया.
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