थानाध्यक्ष ने दूधमुंहे बच्चे को उसकी मां से मिलवाया
महिला ने लगायी थी न्याय की गुहार
अररिया. डीएलएसए की सक्रियता से दूधमुंहे बच्चे को फिर से मां की ममता नसीब हो गयी है. इस कार्य में डीएलएसए की जितनी तारीफ की जाये कम है. वहीं रानीगंज थानाध्यक्ष की भूमिका भी प्रशंसनीय है. बताया जाता है कि विगत 26 जून बुधवार को दूधमुंहे बच्चे को उसकी मां से अलग कर देने के मामले में आवेदिका रीमा कुमारी पति विक्रम मंडल साकिन हिंगना वार्ड संख्या 11, थाना- रानीगंज, जिला- अररिया ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) के सचिव अमरेंद्र प्रसाद को आवेदन देते हुए लिखा था कि उसके पति व भैंसूर के द्वारा उनको प्रताड़ित करते हुए उसका एक डेढ़ साल का बेटा सुशांत कुमार को उनसे छीन लिया गया है. इस बात की शिकायत करते हुए आवेदिका रीमा कुमारी देवी ने अपने दूधमुंहे बच्चे को वापस दिलवाने के लिए गुहार लगायी थी. इस मामले को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) के सचिव ने गंभीरता से लिया. दोपहर बाद आवेदन मिलते ही तत्क्षण संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक अररिया को अविलंब कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजकर सूचित किया. रानीगंज थानाध्यक्ष से भी फोन पर बात कर बच्चे को उनकी मां को वापस दिलाने के लिए निर्देशित किया गया था. इसके बाद पुलिस प्रशासन की तत्क्षण कार्रवाई से उसी दिन शाम तक बच्चा उसकी मां को मिल गया. यानी सूचना मिलने के महज 04 घंटे के भीतर कार्रवाई करते हुए दूधमुंहे बच्चे को उसकी मां से मिलवा दिया गया. डीएलएसए सेक्रेटरी अमरेंद्र प्रसाद ने इस त्वरित कार्रवाई पर पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद दिया है. वहीं रानीगंज थानाध्यक्ष के कार्यों की प्रशंसा भी की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है