कृषि आधारित उद्योग लगाये बिना सीमांचल से पलायन रोकना असंभव: जाकिर अनवर
सीमांचल के विकास को लेकर कोई गंभीर नहीं
गरीबी, बेरोजगारी चरम पर 1-प्रतिनिधि, अररिया अररिया व फारबिसगंज विधान सभा के पूर्व विधायक सह कांग्रेस जिलाध्यक्ष जाकिर अनवर ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद भी सीमांचल का विकास नहीं हो पाया है. सीमांचल के चारों जिला जहां अल्पसंख्यक समुदाय की बड़ी आबादी रहती है. इसके विकास के लिए किसी ने ईमानदारी से प्रयास किया. जाकिर अनवर ने कहा सीमांचल के इन चार जिला अररिया ,किशनगंज, पूर्णिया व कटिहार में बेरोजगारी,गरीबी, अशिक्षा व पलायन की समस्या चरम पर है. उन्होंने कहा कि सीमांचल का ये चारों जिला कृषि आधारित जिला है. यहां के स्तर प्रतिशत लोग किसान हैं जो कृषि पर निर्भर हैं. लेकिन ये सीमांचल का पूरा इलाका बाढ़ की समस्या से जूझता है. नेपाल से निकलने वाली नदी हर वर्ष अपनी बाढ़ के कारण भीषण तबाही मचाती है. जिससे किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं. यहां के किसान के जीविका का मुख्य साधन कृषि ही है. यहां की भूमि काफी उर्वरक है यहां हर तरह के फसल की खेती होती है. जिसमें खास तौर से मक्का ,पटसन ,दलहन,बांस ,मखाना,मछली पालन ,अनानास की खेती बड़े पैमाने पर होती है. ऐसे में अगर बिहार व केंद्र सरकार द्वारा इस इलाके में कृषि आधारित उद्योग लगा दिया जाय तो सीमांचल से बेरोजगारी ,गरीबी व पलायन को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि मक्का की खेती के मामले में अररिया मक्का का हब बन चुका है लेकिन मक्का आधारित उद्योग भी नहीं लगाया जाना निश्चित रूप से खेद की बात है. उन्होंने कहा हमारे यहां का बांस ,मखाना और मूंगफली देश के अन्य राज्यों में भेजा जाता है. लेकिन हमारे निर्वाचित जन प्रतिनिधि ने सीमांचल के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास नहीं किया. बाढ़ का आजतक स्थाई समाधान नहीं कराया जा सका. उन्होंने कहा कि अररिया में कृषि कॉलेज खोलने की जरूरत है. ताकि किसान को कृषि की नई-नई तकनीक की जानकारी प्राप्त हो सके. उन्होंने जिला में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का सरकार से मांग की है. .
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है