प्रतिनिधि, फारबिसगंज जोगबनी- कटिहार-सिलीगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस को सात फरवरी तक के लिए एक बार फिर रद्द कर दी गयी है. एनएफ रेलवे मालीगांव द्वारा जारी निर्देश में घना कोहरा के कारण रद्द किया. 10 ट्रेनों में जोगबनी सिलीगुड़ी एक्सप्रेस भी शामिल है. अब इस ट्रेन के रद्द को लेकर भारत नेपाल सीमा के लोगों में आक्रोश पनपने लगा है. 15 जनवरी तक यह ट्रेन कैंसिल था.अब इसे विस्तारित कर सात फरवरी तक कर दिया गया है. फलस्वरूप लोगों का आरोप है कि इस ट्रेन को बंद करने की साजिश हो रही है. जोगबनी-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस का शुभारंभ विगत आठ मार्च 2024 से हुई थी. पहले 31 जुलाई 2024 तक के लिए इस ट्रेन को रद्द की गई थी.तब से पांच बार के नोटिफिकेशन में ट्रेन पांच माह से अधिक समय तक रद ही रही. जबकि यह ट्रेन न केवल अररिया,फारबिसगंज, नरपतगंज को बल्कि नेपाल से भी पश्चिम बंगाल सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली एकमात्र ट्रेन है. इस मामले में रेल आंदोलन से जुड़े नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष शाहजहां शाद, सचिव रमेश सिंह,पवन मिश्रा,विमल मंडल ने आरोप लगाया कि रेल प्रशासन साजिश के तहत इस महत्वपूर्ण ट्रेन को बंद करने की योजना बना रही है. बताया कि कभी ट्रैक ठीक करने के नाम पर तो कभी घना कोहरा के नाम पर ट्रेन को रद्द किया जा रहा है. जबकि अन्य ट्रेनों के परिचालन में कोई घना कोहरा सामने नहीं है. इस संबंध में एनएफ रेलवे के जीएम व कटिहार मंडल के डीआरएम से बात करने की बात कही. बड़ी संख्या लोगों ने कहा कि अगर रेल प्रशासन इसके प्रति गंभीरता नहीं बरती तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा. उन्होंने कहना है कि यह ट्रेन सीमावर्ती क्षेत्र भारत नेपाल के लिए सीमांचल एक्सप्रेस के बाद दूसरी महत्वपूर्ण ट्रेन हैं.
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