अररिया : जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिये विशेष अभियान का संचालन किया जा रहा है. इस कार्य में जिले के सभी नौ प्रखंडों में 182 आशा कार्यकर्ताओं को इस विशेष अभियान में शामिल किया गया है. जानकारी अनुसार जिले को 2020 के अंत तक पूरी तरह से कालाजार से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है. अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की खोज करेंगी.
इसके लिये आशा फैसिलेटर व सभी आशा कार्यकर्ताओं को खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. कालाजार मरीजों की खोज के लिये आशा कार्यकर्ताओं के लोगों के घर तक पहुंचने से पहले क्षेत्र में माइकिंग कराया जायेगा. आशा कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधि व आम लोगों को रोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जायेगी. कालाजार मरीज़ों की खोज के कार्य में जिले के सभी नौ प्रखंडों में 182 आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है.
आशा के कार्यों के पर्यवेक्षण के लिये 87 आशा फैसिलेटर को लगाया गया है. उन्हें इसके लिये विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है. सर्वेक्षण के दौरान जिले के 146 गांवों के कुल 71867 घरों में जाकर आशा कार्यकर्ता कालाजार मरीजों की खोज करेगी. अभियान के तहत वैसे व्यक्ति जो 15 या इससे अधिक दिनों से बुखार से पीड़ित हों.
मलेरिया व एंटीबायोटिक दवा के प्रयोग के बावजूद उन्हें किसी तरह का कोई खास लाभ नहीं पहुंचा हो. उनमें भूख की कमी, पेट का बड़ा होना सहित अन्य लक्षण दिख रहे हों. उन मरीजों को चिह्नित करते हुए RK-35 किट के माध्यम से जांच कराने के लिये नजदीकी प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जायेगा. यदि कोई व्यक्ति पूर्व में कालाजार का इलाज कराया हो. इसके बावजूद बुखार सहित कालाजार के अन्य लक्षण विद्यमान हों तो वैसे मरीजों का बोन मैरो व स्प्लीन एस्पिरेशन की जांच के लिये सदर अस्पताल भेजा जायेगा.
कालाजार मरीजों का सरकारी मदद का प्रावधान : कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है. मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए व केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए देने का प्रावधान है. यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दिया जाता है. वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए देने का प्रावधान है.
posted by ashish jha