गर्भवती पत्नी की हत्या करने वाले पति को उम्रकैद
स्पीडी ट्रायल के तहत सुनायी गयी सजा
अररिया. स्पीडी ट्रायल के तहत व्यवहार अररिया के एडीजे-01 न्यायालय के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने शनिवार को भरी अदालत में साढ़े 03 वर्ष पूर्व 08 माह की गर्भवती पत्नी को दहेज के लिए मारपीट कर गला दबाकर हत्या करने का मामला प्रमाणित होने पर जिले के बैरगाछी थाना क्षेत्र मझुआ ग्राम वार्ड 06 के रहने वाले 32 वर्षीय मो अब्दुल पिता मो ताहा को उम्रकैद की सजा सुनायी है. सरकार की ओर से लोक अभियोजक (पीपी) लक्ष्मी नारायण यादव व सूचक के निजी अधिवक्ता मो परवेज आलम ने संयुक्त रूप से बताया कि आरोपित पति को कारावास की सजा आर्थिक दंड के रूप में 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को 03 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. यह सजा एसटी 193/21 में सुनायी गयी है. बताया गया कि घटना 08/09 नवंबर 2020 की मध्य रात्रि की है. दहेज प्रताड़ना को लेकर अपनी गर्भवती पत्नी का गला दबाकर हत्या कर साक्ष्य को छिपाने के लिए शव को पुआल में छिपाकर नदी किनारे फेंक दिया गया था. जहां न्यायालय में सभी गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने आरोपित को दोषी पाया. सजा के बिंदु पर अभियोजक (पीपी) लक्ष्मी नारायण यादव व सूचक के निजी अधिवक्ता मो परवेज आलम ने ऐसा जघन्य अपराध करने वाले आरोपित पति को सज़ा ए मौत की सज़ा देने की प्रार्थना की. जबकि बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता मो मुजाहिद हुसैन ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने आरोपित को फांसी की सज़ा न देते हुए जुर्माने की राशि के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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