हात्याकांड मामले में दो युवक को उम्रकैद
न्यायमंंडल अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह की अदालत ने मंगलवार को लगभग 03 वर्ष पूर्व हुए चाकू से वार कर हत्या करने का मामला प्रमाणित होने पर जिले के फारबिसगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर दक्षिण गांव के रहने वाले 26 वर्षीय मो सद्दाम पिता मो बुधन व 22 वर्षीय मो अजमूल पिता मो मुस्तकीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है.
अररिया. न्यायमंंडल अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह की अदालत ने मंगलवार को लगभग 03 वर्ष पूर्व हुए चाकू से वार कर हत्या करने का मामला प्रमाणित होने पर जिले के फारबिसगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर दक्षिण गांव के रहने वाले 26 वर्षीय मो सद्दाम पिता मो बुधन व 22 वर्षीय मो अजमूल पिता मो मुस्तकीम को उम्रकैद की सजा सुनाई ग;h है. न्यायालय के न्यायाधीश ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा के अलावा आर्थिक दंड के रूप में विभिन्न धाराओं में 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी जमा करने का आदेश जारी किया है. सरकार की ओर से पीपी लक्ष्मीनारायण यादव ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने यह सजा एसटी 22/2022 में सुनायी है. पीपी लक्ष्मीनारायण यादव ने बताया कि दोनों दोषियों योजनाबद्ध तरीके से फारबिसगंज रामपुर दक्षिण के रहनेवाला साहेब मंसूरी को बाइक पर बैठा कर सुनसान स्थान पर ले गये थे. जहां धारदार हथियार चाकू से वारकर उसकी हत्या कर दी. वहीं हत्या कर साक्ष्य को छुपाने के लिए चकरदाहा कजरा धार रेलवे ढाला के निकट झाड़ी में साहेब मंसूरी के शव को फेंक दिया था. जहां से पुलिस ने शव को बरामद किया गया था. पीपी यादव ने बताया कि इस मामले में मृतक साहेब मंसूरी के पिता मो नजीर मंसूरी के द्वारा फारबिसगंज थाना में अपने बेटे साहेब मंसूरी की गुमशुदगी को लेकर फारबिसगंज थाना कांड संख्या 441/21 दर्ज कराया गया था. दर्ज प्राथमिकी के बाद पुलिस ने साहेब मंसूरी का शव रेलवे ढाला के समीप झाड़ी से बरामद किया गया था. जिसके बाद पुलिस से दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में धारा 302 व 201 के तहत चार्जशीट दाखिल किया. इसके बाद न्यायालय में 24 मई 2022 को आरोप गठन के बिंदू पर दोनों अभियुक्तों ने अपने आप को निर्दोष बताया था. जबकि चार्जफ्रेम के बाद सरकार की ओर से प्रस्तुत सभी साक्षी ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. पीपी श्री यादव ने बताया कि साक्षी के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश हर्षित सिंह ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया. सजा के बिंदू पर पीपी यादव ने दोनों आरोपियों को जघन्य अपराध करने को लेकर फांसी देने की अपील की. जबकि बचाव पक्ष आरोपी सद्दाम की ओर से डीएलएसए लीगल एड डिफेन्स काउंसिल के चीफ सह वरीय अधिवक्ता विनय कुमार ठाकुर व आरोपी मो अजमूल के अधिवक्ता रविंद्र कुमार विश्वास ने दोनों युवकों की कम उम्र को देखते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगायी. न्यायालय के न्यायाधीश हर्षित सिंह ने दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद कानून संगत कार्रवाई करते हुए सजा मुकर्रर की.
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