अल्लाह के रसूल के अनुसार बिताएं जीवन
दो सत्रों में हुआ इजलास का आयोजन
तहफ्फुज-ए-ईमान व खातून ए जन्नत कांफ्रेंस आयोजित :35-प्रतिनिधि, फ़ारबिसगंज ताजो शरिया वेलफेयर सोसायटी व नौजवान कमेटी ढोलबज्ज़ा द्वारा शहर से सटे ढोलबज्जा वार्ड संख्या 08 में अवस्थित रजा जामा मस्जिद समीप में एक दिवसीय तहफ्फुज ए ईमान व खातून ए जन्नत कांफ्रेंस का आयोजन जेरे सरपरस्ती पीर ए तरीकत रहबर ए शरीयत हजरत अल्लामा अल्हाज सैय्यद मिस्बाह उलहक एमआदी साहब पटना द्वारा किया गया. कांफ्रेंस की अध्यक्षता मौलाना अजमतुल्लाह एमआदी साहब ने किया. वहीं कार्यक्रम का संचालन हजरत मौलाना हलचल सिवानी साहब ने किया. इजलास का आयोजन दो सत्रों में किया गया. प्रथम सत्र सुबह 09 बजे से संध्या तक महिलाओं के लिए व दूसरे सत्र में देर संध्या 07 बजे से देर रात तक पुरुषों के लिए किया गया. जलसा की शुरुआत तेलावत ए कुराआन पाक से किया गया. महिलाओं के लिए आयोजित प्रथम सत्र के जलसा में मोहतरमा शाहीन कादरी साहेबा कोलकाता, मोहतरमा उम्मे रूमान समशी साहेबा कोलकाता, शगुफ्ता अजमत पूर्णिया, सबा शमीम, तासरीन कैसर सहित अन्य लालिमा ने जलसा में मौजूद महिलाओं को संबोधित किया. आलिमा ने अपने तकरीर के दौरान कहा कि इस्लाम में पर्दा का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए अल्लालह व अल्लालह के रसूल ने जो हुक्म दिया है उस सरियत के अनुसार अपने जीवन को बितायें. जबकि दूसरे सत्र में पुरुषों के लिए आयोजित जलसा में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए पूर्व राज्य सभा सांसद सह मोहतमिम एदारा शरिया पटना हजरत अल्लामा व मौलाना गुलाम रसूल बलयावी ने मौजूद लोगों को संबोधित किया. जबकि अन्य उलेमाओं में हजरत मौलाना हलचल सिवानी, डॉक्टर अख्तर परवाज हबीबी साहब, शमश साहब कोलकतवी, साहब, जनाब शमीम फैजी साहब धनबाद झारखंड, डॉकर मुसव्वीर रजा पूर्णिया, वाहिद अंसारी साहब सहित अन्य उलेमाओं ने मौजूद लोगों को संबोधित किया. जलसा के अंत मे मौजूद उलेमाओं ने व मौजूद लोगों ने अल्लालह से अमन शांति, आपसी भाईचारा, सुख समृद्वि व जिंदगी में हर बलाओं से महफूज रखने के लिए दुआ की.
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