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बाढ़ की भीषण त्रासदी झेल रहे ग्रामीणों ने ग्राम शांति के लिए की थी महथावा दुर्गा मंदिर की स्थापना

दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2024 7:21 PM

फोटो:49- प्रखंड के महथावा में अवस्थित दुर्गा मंदिर.

राष्ट्रभूषण पिंटू, भरगामा अररिया जिले के भरगामा प्रखंड अंतर्गत महथावा बाजार में अवस्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में इस बार बिहार की झलक दिखाई देगी. इस प्रसिद्ध मंदिर में वर्ष 2009 से हीं मां दुर्गा की पूजा अर्चना श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव व श्रद्धापूर्वक करते आ रहे हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी ओमेंदु झा उर्फ हरेराम झा के मुताबिक मां दुर्गा मंदिर की स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी. वर्ष 2008 में पूरा क्षेत्र बाढ़ की भीषण त्रासदी झेल रहा था. उसी समय ग्राम शांति के लिए पूरे क्षेत्रवासियों की मदद से महाविष्णु यज्ञ कराया गया था. यज्ञ समाप्ति के पश्चात कोष में कुछ रुपये बच गये थे. ग्रामीणों के सलाह पर गांव के हीं बिंदेश्वरी दास व युगेश्वर प्रसाद दास ने भूमि दान कर मंदिर स्थापना की सलाह दी. आनन-फानन में घास फूस से बने कच्चे घर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर जोर-शोर से पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया. वक्त बीतता गया स्थानीय ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर पक्के भवन का निर्माण करना शुरू किया. देखते हीं देखते एक भव्य मंदिर का निर्माण हो गया. उसी समय से निरंतर काफी धूमधाम से हर साल मां दुर्गा का प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किया जाने लगा. प्रत्येक वर्ष नवरात्रि का जागरण कार्यक्रम की भी शुरुआत की गयी. कार्यक्रम में जमा दान की गयी राशि से मंदिर के निर्माण में काफी सहायक सिद्ध हुआ. आज सार्वजनिक दुर्गा मंदिर महथावा आसपास के क्षेत्र में आस्था का मुख्य केंद्र बन गया है. काफी दूर दराज के लोग मंदिर पहुंचकर अपनी मन्नतें मांगते हैं व मन्नत पूरा होने के बाद चढ़ावा भी चढ़ाने आते हैं.

सिर्फ जागरण में सुनने के लिए आते हैं 20 से 25 हजार श्रद्धालु

स्थानीय रामविलास भगत, सुरेश श्रीवास्तव, गणेश दास, कमल प्रसाद कमल, अशोक भगत, नवाह कमेटी के अध्यक्ष मुन्ना दास, रामकुमार दास, अजय झा, अरुण साह, रघुनंदन साह, नंदन मतवाला, ब्रह्मदेव साह, बिहारी साह, पंकज साह, उमेश दास ने बताया कि आस-पास के क्षेत्र में वैष्णवी दुर्गा नहीं रहने के कारण सार्वजनिक दुर्गा मंदिर महथावा के साथ लोगों की काफी आस्था जुड़ी हुई है. वहीं अष्टमी व नवमी के दिन महाप्रसाद का भंडारा किया जाता है. जिसमें हजारों की संख्या में लोग खीर व खिचड़ी रूपी प्रसाद का आनंद उठाते हैं. प्रशासन के चाक चौबंद व्यवस्था के बीच नवरात्र के प्रत्येक दिन लगभग 20 से 25 हजार की संख्या में लोग भक्ति जागरण कार्यक्रम को देखने आते हैं जो पूरी रात चलती है.

नौ दिवसीय नवाह् संकीर्णन का होगा आयोजन

वहीं काफी जोर-शोर से पूजा पंडाल व मंदिर के रंग रोगन का कार्य शुरू हो चुका है. बड़े-बड़े पंडाल व पूरे क्षेत्र में तोरण द्वार लगाये जा रहे हैं. स्थानीय ग्रामीण व युवा वर्ग काफी उत्साहित दिख रहे हैं व सभी अपने-अपने निर्धारित कार्य को अंजाम देने में जुट गये हैं. इस वर्ष भी मंदिर प्रांगण में 09 दिवसीय नवाह संकीर्तन का भव्य आयोजन की तैयारी की जा रही है.

जगह-जगह लगेगा सीसीटीवी कैमरा

पूजा समिति के व्यवस्थापक सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार मंदिर परिसर व भक्ति जागरण पंडाल में जगह-जगह शांति व्यवस्था को कायम रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा. व भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक युवाओं की तैनाती की जायेगी. प्रशासन की ओर से अनुमति लेने की तैयारी की जा रही है. सार्वजनिक दुर्गा मंदिर की आस्था काफी दूर-दूर तक फैली हुई है. जिस कारण से मंदिर परिसर में काफी भीड़ जमा होती है. जिसको लेकर स्थानीय स्तर पर व प्रशासन की ओर से सारी व्यवस्था की जा रही है.

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