बिहार में बड़े पैमाने पर हो रही मखाना की खेती, जानें किस जिले में किसानों को मिल रहा मुनाफा
सरकार के माध्यम से खेती करने को लेकर किसानों को विभाग के माध्यम से अनेक योजनाओं का लाभ देने के लिए सार्थक प्रयास किया गया है. वहीं मखाना की खेती करने को लेकर जिले के किसान सरकारी व गैर सरकारी तालाबों में मखाना की खेती कर अच्छे कीमतों में बेचकर खुशहाल हो रहे हैं.
सरकार के माध्यम से खेती करने को लेकर किसानों को विभाग के माध्यम से अनेक योजनाओं का लाभ देने के लिए सार्थक प्रयास किया गया है. वहीं मखाना की खेती करने को लेकर जिले के किसान सरकारी व गैर सरकारी तालाबों में मखाना की खेती कर अच्छे कीमतों में बेचकर खुशहाल हो रहे हैं.
वहीं जानकारी देते जिला कृषि सहायक उद्यान निदेशक शिवाजी हेम्ब्रम ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवायी में केंद्र वित्त मंत्री के माध्यम से स्थानिय उत्पादकों को ब्रांडिंग करने की घोषणा की गयी है. किसानों को अब उनके उत्पाद का अच्छा मूल्य भी मिलेगा. अब बिहार के मखाना का स्वाद देश सहित विदेशों में भी चखा जायेगा. जिससे बिहार की अलग पहचान मिलेगी. इस खेती से जहां किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलने के साथ साथ बेरोजगार को रोजगार भी उपलब्ध होगा.
उन्होंने कहा प्रखंडों के किसान प्रतिवर्ष लगभग एक हजार एकड़ भूमि में सरकारी व गैर सरकारी तालाबों में मखाना की खेती कर किसान अधिक मुनाफा उठा रहे हैं. जिले में बड़े पैमाने पर मखाना की खेती की जा रही है. वहीं प्रखंडों में जोकीहाट में 123 एकड़, फारबिसगंज में 276 एकड़, रानीगंज में 270 एकड़, पलासी में 40 एकड़, भरगामा में 31 एकड़, कुर्साकांटा में 24 एकड़ भूमि के तालाबों में किसानों के माध्यम से मखाना की खेती की जा रही है.
हालांकि जिले के सभी प्रखंडों से किसानों के माध्यम से प्रतिवर्ष 07 हजार 645 क्विंटल मखाना फसल की उपज की जा रही है. इधर मखाना फसल की 250 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो की दर से कीमत मिलने से किसान मखाना की खेती कर अधिक मुनाफा हासिल कर खुशहाल हो रहे हैं.
Posted by: Thakur Shaktilochan