सदर अस्पताल में कार्यरत जीविका दीदियों को वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
फोटो-17- 1प्रतिनिधि, अररियाबायोमेडिकल वेस्ट का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में शुक्रवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में सदर अस्पताल में कार्यरत दर्जनों जीविका दीदी शामिल हुई. सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ आकाश कुमार राय, यूनिसेफ के एडीसी राकेश कुमार, सीनियर नर्स नाजिया परवीन, मनीषा कुमारी ने प्रशिक्षण में उपस्थित सभी जीविका दीदियों को बायोवेस्ट मैनेजमेंट के महत्व व इसकी उपयोगिता की जानकारी देते हुए इसके कुशल प्रबंधन को लेकर जरूरी प्रशिक्षण दिया. प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ आकाश राज ने बायोमेडिकल वेस्ट के सही प्रबंधन के महत्व से कर्मियों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल वेस्ट को सही तरह से अलग करना, पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप इसे सुरक्षित रूप से नष्ट करना जरूरी है. इसके अनुचित प्रबंधन से संक्रमण के फैलने का खतरा होता है. जो मरीज के साथ-साथ अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे चिकित्सक, नर्स सहित अस्पताल आने वाले अन्य लोगों की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. अस्पताल प्रशासन द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की प्रक्रिया का गंभीरता पूर्वक अनुपालन के साथ-साथ इसकी सतत निगरानी की जाती है. कर्मियों को भी इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता है.
संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपायों की दी जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों द्वारा जीविका दीदियों को बायोमेडिकल वेस्ट को चार प्रमुख श्रेणी जैविक, संक्रामक, रासायनिक व सामान्य कचरा में वर्गीकरण संबंधी जानकारी दी गयी. इसके अलावा जीविका दीदियों को रेड, ब्लू, येलो व ब्लैक रंग के डस्टबिन के उपयोग के तरीकों से उन्हें अवगत कराया गया. कचरा के परिवहन व इसे नष्ट करने की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की गयी. वहीं स्वास्थ्य कर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण यानी पीपीई के उपयोग, हाथ धोने की सही विधि सहित संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपायों के संबंध में प्रशिक्षित किया गया.
कचरों का उचित प्रबंधन जरूरी
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट यानी चिकित्सकीय कचरा स्वास्थ्य सेवाओं के दौरान उत्पन्न ऐसा कचरा है. जो मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इसका सही प्रबंधन न सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों व मरीजों के लिए बल्कि समाज व पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक है. यह न केवल संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करता है. बायोमेडिकल वेस्ट के कुशल प्रबंधन तकनीक को प्रोत्साहित कर समाज में स्वस्थ व स्वच्छ वातावरण का निर्माण संभव है. जिले के सभी अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट के कुशल प्रबंधन पर विशेष जोर दिये जाने की जानकारी उन्होंने दी.
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