भरगामा में नेताओं की हलचल बंद
प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत
भरगामा. रविवार का दिन तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार का आखिरी दिन रहा. प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था के बीच मंगलवार की 07 मई सुबह 07 बजे से मतदान शुरू होगा. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भरगामा प्रखंड के श्री दरबारी राय उच्च विद्यालय के मैदान में तेजस्वी यादव ने भी सभा को संबोधित कर जमकर प्रचार किया है. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सीमांचल के अररिया लोकसभा सीट के लिए त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. इन इलाकों में रविवार की शाम 05 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है. चौक-चौराहे, गांव, गली-मोहल्ले में मतदाताओं ने अपनी बैठक शुरू कर दिया है. यहां अपनी सीट बचाने की सबसे बड़ी चुनौती भाजपा की है. हालांकि भाजपा के साथ जदयू भी मजबूती के साथ खड़ी है. इन सीट पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा व महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों ही घटक दलों के शीर्ष नेताओं की यहां कई दिनों से निरंतर सभाएं चल रही है. प्रधानमंत्री मोदी, जेपी नड्डा, जीतन राम मांझी, सम्राट चौधरी, उमेश कुशवाहा, तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी, अब्दुल बारी सिद्दीकी सहित कई दिग्गजों ने सभाएं की है. हालांकि सीमांचल की लोकसभा चुनाव की फिजां इस बार कुछ अलग ही है. आरपार जैसी लड़ाई दोनों गठबंधनों ने ठान ली है. दोनों तरफ से शीर्ष नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है व इसी इलाके में कैंप कर पूरी ताकत झोंक दी है. एक ही क्षेत्र में शीर्ष नेताओं की बार-बार सभाएं व रोड शो बता रहा है कि लड़ाई कितनी चुनौती पूर्ण है. मुद्दों पर वार पलटवार के अलावा समीकरण साधने के हर दांव चलाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसी इलाके में कैंप लगाकर लगातार सभाएं व रोड शो किए. सीमांचल की सीट पर एनडीए की जीत के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है. पार्टी के सिर्फ नेताओं के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेता भी लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी अररिया संसदीय क्षेत्र के फारबिसगंज में सभा की है. तीसरे चरण के मतदान को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की सबसे अधिक सभाएं अररिया सीट के लिए हुई है. प्रखंड क्षेत्र के राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का मूड भांपना काफी कठिन काम है. कोई भी लोग खुलकर बोलना नहीं चाहते हैं. वहीं मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों के गले को सुखा रही है. अब यह देखना दिलचस्प होगा त्रिकोणीय मुकाबले में किसका पलड़ा भारी होता है.
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