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अब भारत की बेटी को नेपाल की बहु बनने पर नागरिकता मिलने में लगेंगे सात साल, नेपाल में प्रस्ताव पेश

अररिया : नेपाल के प्रतिनिधिसभा में नेपाली नागरिकों के द्वारा विवाह पर लायी गयी विदेशी बहु को नागरिकता देने संबंधी कानून बनाने को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया है. अगर यह प्रस्ताव पारित होकर कानून बनता है तो नेपाली पुरुष से शादी करने वाली किसी भी विदेशी महिला को सात साल के बाद ही अंगीकृत नागरिकता मिल सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2020 7:03 AM

अररिया : नेपाल के प्रतिनिधिसभा में नेपाली नागरिकों के द्वारा विवाह पर लायी गयी विदेशी बहु को नागरिकता देने संबंधी कानून बनाने को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया है. अगर यह प्रस्ताव पारित होकर कानून बनता है तो नेपाली पुरुष से शादी करने वाली किसी भी विदेशी महिला को सात साल के बाद ही अंगीकृत नागरिकता मिल सकती है. समिति के सभापति शशी श्रेष्ठ द्वारा पेश उक्त विधेयक के अनुसार अंगीकृत नागरिकता प्राप्त करने से पहले उन लोगों को एक स्थायी आवासीय अनुमति पत्र दिया जायेगा. उक्त परिचय पत्र के आधार पर ही विदेशी बहु नेपाल में रहकर आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकार पा सकती हैं. यह विषय पहले ही समिति में पेश हो चुका था, लेकिन सहमति ना होने के कारण पास नहीं हो सका था. अब उक्त विधेयक पर पुनः विचार-विमर्श होने जा रही है.

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नेकपा के ज्यादा सांसद होने के कारण विधेयक पास होने की संभावना अधिक

विधेयक के पक्ष में सत्ताधारी दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा) के ज्यादा सांसद होने के कारण विधेयक पास होने की संभावना अधिक है. वहीं राजनीतिक दलों के अनुसार नेकपा के सांसद ही उक्त विधेयक को आगे बढ़ाना चाहते हैं. विशेषतः नेकपा अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल प्रचंढ ने उक्त विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए समिति सभापति श्रेष्ठ से आग्रह किया है.

अब विदेशी बहु को 7 साल तक स्थायी रुप में नेपाल में रहना होगा

समिति की ओर से प्रस्तावित नियम के अनुसार अब नेपाली नागरिक के साथ शादी करनेवाली विदेशी बहु को 7 साल तक स्थायी रुप में नेपाल में रहना होगा. उसके बाद वार्ड कार्यालय के सिफारिश पत्र, अन्य देशों की नागरिकता प्राप्त है तो उसको त्याग करने की मंजूरी पत्र पेश कर अंगीकृत नागरिकता प्राप्त किया जा सकता है.

वर्तमान समय में शादी करने के बाद तुरंत मिलती है अंगीकृत नागरिकता

ज्ञात हो की वर्तमान प्रावधान अनुसार अगर कोई भी विदेशी महिला नेपाली पुरुष से शादी करती है तो शादी करने के तुरंत बाद अंगीकृत नागरिकता के लिए निवेदन दे सकती हैं. विशेषतः तराई क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वाले मधेशवादी नेता वर्तमान प्रावधान के ही पक्ष में हैं. बता दें कि नेपाल के द्वारा विवादित भूमि कालापानी, लिंपुलेक व लिंम्पियाधुरा को समावेश कर नया नक्सा जारी करने के पश्चात समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी के द्वारा संसद में इस विधयेक का विरोध किया गया था. जिसके बाद समाजवादी पार्टी के वर्तमान में जनता समाजवादी पार्टी के द्वारा सरिता गिरी पर कार्रवाई की बात कही गयी थी. जिसके बाद नेकपा के सांसद लालबाबु पंडित के द्वारा नागरिकता कानून को संसोधन का प्रस्ताव रखा गया था. जिसे सत्तासीन नेकपा के द्वारा संसोधन प्रस्ताव को मान्य करते हुए इस नये कानून को पारित किया गया है. वहीं नये नागरिकता कानून में स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाते हुए दिये गये निवास प्रमाण पत्र के आधार पर नेपाल में चल-अचल संपत्ति, व्यवसायिक लाभ प्राप्त कर संपत्ति को अन्य कारोबार में भी समावेस तो कर सकेगी. लेकिन राज्य व्यवस्था को अगर संदेह होता है तो सभी अधिकार से वंचित करने का भी नियम समावेश किया गया है.

संसदीय समिति से पारित इस प्रतिवेदन में कहा

संसदीय समिति से पारित इस प्रतिवेदन में कहा गया है कि निवास अनुमति पत्र प्राप्त करने वाली महिला के द्वारा अधिकार उपयोग करने के बारे में कहा गया है कि पेशा व्यवसाय संचालन करने की अनुमति, उद्योग, व्यापार व व्यवसाय की स्थापना व संचालन, जन्म, मृत्यु, विवाह, संबंध विच्छेद, व्यक्तिगत घटना पंजीकरण करने की सुविधा किसी भी शैक्षिक संस्था में अध्ययन कर प्रमाणपत्र प्राप्त करने व अन्य आर्थिक सामाजिक, सांस्कृतिक अधिकार प्राप्त करने की सुविधा, निवास प्रमाण पत्र लेने की अनुमति होगी. वहीं सात वर्ष बाद ही राज्य के द्वारा सुनिश्चित करने के बाद ही वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता नेपालि नागरिक से विवाह कर आयी विदेशी महिला को नागरिकता दिया जायेगा. इसके लिये सात वर्षों तक कई अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा इस दौरान अपने जन्मभूमि का न ही समर्थन कर पायेगी न ही सुसराल का विरोध. इधर इस विधेयक को लेकर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है.

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