खाद्य संयम दिवस के रूप में पर्युषण पर्व का आगाज

आठ दिनों तक मनाया जाता है पर्युषण पर्व

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 7:55 PM

फोटो:46-प्रार्थना सभा में मौजूद श्रद्धालु. प्रतिनिधि, फारबिसगंज शहर के आरबी लेन में स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार की सन्निधि में रविवार को पर्युषण महापर्व का भव्य रूप से आगाज हुआ. जैसा कि विदित है जैन धर्म का प्रमुख पर्वाधिराज महापर्व पर्युषण पर्व 08 दिनों तक मनाया जाता है. यह पर्व भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होकर भाद्रव महिने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तक रहता है जो इस वर्ष 1 सितंबर से लेकर 8 सितंबर तक मनाया जायेगा. 09 सितंबर को इसका समापन क्षमा दिवस के रूप में मनाया जायेगा. कार्यक्रम की शुभ शुरुआत महिला मंडल के द्वारा पार्श्वनाथ भगवान की स्तुति के साथ की गई. तत्पश्चात महिला मंडल की बहनों के द्वारा पर्यूषण पर्व के आठों दिवस को ””पर्युषण चांद”” एक सुंदर प्रस्तुति के द्वारा प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम का कुशल संचालन शैलेश बैद के द्वारा किया गया. पर्युषण पर्व के प्रथम दिवस की आगाज खाद्य संयम दिवस के रूप में की गई. पर्युषण अर्थात चारों ओर से हटकर भीतर अंतर्मन में प्रवेश करना. पर्युषण पर्व अंतर मन की खिड़की खोलकर अंतर प्रकाश को जगाने का नाम है.व्यक्ति के अंतर में क्रोध मान माया लोग जैसे चार कषाय चोर के रूप में जमे हुए रहते हैं. इन चारों को हटाने का नाम है पर्युषण. पर्युषण पर्व व्यक्ति को कर्मवीर बनता है. साध्वी श्री गौतमयशा जी ने खाद्य संयम दिवस पर अपने विचार धर्म सभा के सामने रखें और कहा कि अपने पेट को कुछ भी खा कर दूषित न करें. खाद्य संयम, रात्रि भोजन त्याग, उपवास के द्वारा हम अपने अंदर की शक्ति जग सकते हैं. हमें क्या कब और कैसे खाना है, इसका गुर को सिखाना बहुत ही जरूरी है. संयम साधना व तपस्या के रूप में उपवास के साथ हमें खाद्य संयम दिवस को मनाना चाहिये. पर्युषण के प्रथम दिन श्रावक श्राविकाओं की अच्छी संख्या में उपस्थिति देखी गयी. अच्छी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने पर्यूषण पर्व का प्रथम दिन उपवास करके मनाया है.

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