एम्स नहीं रहने से सैकड़ों लोगों की चली जाती है जान

कोसी-सीमांचल में एम्स की मांग को लेकर बैठक

By Prabhat Khabar News Desk | July 18, 2024 8:26 PM

कोसी-सीमांचल में एम्स की मांग को लेकर बैठक फोटो:-12- बैठक में संघर्ष समिति सदस्य. प्रतिनिधि, फारबिसगंज भारत- नेपाल सीमा पर स्थित कोशी व सीमांचल के क्षेत्र में के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराये जाने को लेकर कोशी सीमांचल क्षेत्र में एम्स बनाया जाये. इस मांग को लेकर शहर के महावीर चौक के समीप स्थित शीतल साह के गोला के परिसर में डॉ अखिलेश कुमार की अध्यक्षता में संघर्ष समिति का एक आवश्यक बैठक आयोजित की गयी. इसमें फारबिसगंज व अररिया जिला ही नहीं कोशी सीमांचल क्षेत्र के दर्जनों गणमान्य लोगों ने भाग लिया. बैठक में कोशी सीमांचल में एम्स की जरूरत पर प्रकाश डाला. बैठक में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए डॉ अखिलेश ने कहा कि कोसी सीमांचल में एम्स बन जाने से कोशी कमिश्नरी के सभी जिले के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीजों को लाभ मिलेगा. चूंकि कोशी सीमांचल में एम्स निर्माण को लेकर सभी मापदंड मौजूद है. इसकी लडाई हमलोग मिलकर लड़ेंगे. जबकि प्रसिद्ध उद्याेगपति विजय प्रकाश ने भी कहा कि एम्स की जरूरत है. इससे लगभग दो से तीन करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा. एक एम्स नहीं रहने से सैकड़ो बेबस व लाचार लोगों की जान इलाज के अभाव में चली जाती है. मौके पर सेवियर फाउंडेशन बिहार के कोषाध्यक्ष रजत रंजन, मनीष साह, लक्ष्मी रंजन, ममता साह, प्रसेनजीत चौधरी, राजेश वाल्मीकि, राजा दास,राहुल यादव,चंदन मेहता,भुषण मेहता,बबलु यादव,सौरभ दास,बिटटू साह,संजय तालुकदार, नंदन ठाकुर सहित अन्य मौजूद थे. —————– धर्म की बातें सुनना ही नहीं, बल्कि उन्हें प्रयोग में भी लाना चाहिए: साध्वी स्वर्णरेखा जी फोटो:-13-कार्यक्रम में मौजूद साध्वी स्वर्णरेखा व अन्य. प्रतिनिधि, फारबिसगंज शहर के तेरापंथ भवन में आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार सुखसाता पूर्वक सानंद प्रवास कर रही है. जैन धर्मावलंबी का तेरापंथ भवन में तांता सा लग गया है. प्रातः 05 बजे वृहद मंगल पाठ से शुरू होने वाली धार्मिक आराधना क्रमशः सुबह के प्रवचन 8:30 से 9:30 ,दोपहर 02 से 03 व रात्रि 08 से 09 बजे रात्रि तक चलती है. साध्वी श्री के रोचक मंगल प्रवचन को सुनने के लिए श्रावक श्राविकाओं की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. श्रावक श्राविकाओं में भी चातुर्मास को लेकर काफी उमंग व उत्साह भी है. साध्वी श्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि धर्म सिर्फ सुनने के लिए नहीं बल्कि आत्मरमण करने के लिए है. धर्म की बातें सिर्फ सुनना ही नहीं बल्कि उन्हें प्रयोग में भी लाना चाहिए. तभी जीवन का सच्चा अर्थ निकाल पाता है. जीव मोक्षगामी बनता है. आगम की वाणी सुनाते हुए कहा भगवान महावीर से श्राविका जयंती ने पूछा कि जीव का जागना अच्छा होता है या सोना अच्छा होता है. तब भगवान महावीर ने प्रत्युत्तर में कहा कुछ लोग सोते हुए अच्छे होते हैं. कुछ जागते हुए अच्छे होते हैं. जो लोग पाप कार्यों में रत रहते हैं उनका सोना अच्छा है. जो धर्मोपासना में रत होते हैं. उनका जागना अच्छा होता है.

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