फोटो-27-, प्रतिनिधि, जोकीहाट जदयू नेता मुर्शिद आलम के अचानक एआइएमआइएम की गुरुवार को सदस्यता ग्रहण करने से जोकीहाट विधानसभा की सियासत गरमा गयी है. काफिला के साथ वे पलासी से जोकीहाट भेभड़ा चौक पहुंचे. उन्होंने वहां अपने समर्थकों को इकट्ठा कर एक संदेश देने की पूरी कोशिश की कि अब वे जोकीहाट प्रखंड में भी सर्वमान्य नेताओं की लाइन में खड़े हैं. लेकिन यह आकलन अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि दो बार जोकीहाट विधानसभा से हारने के बाद वोट के आंकड़े पर नजर दें तो पता चलेगा कि जोकीहाट प्रखंड में उन्हें अभी अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी. गौरतलब है कि जोकीहाट विधानसभा में नगर पंचायत के अलावा 26 पंचायत हैं जबकि पलासी प्रखंड के 11 पंचायत ही जोकीहाट विधानसभा में है शेष पंचायत सिकटी विधानसभा में है. हालांकि गुरुवार की हलचल से जोकीहाट विधानसभा में एआइएमआइएम फिर एक बार चर्चा में आ गयी है. जोकीहाट विधानसभा के वरिष्ठ जदयू नेता मुर्शिद आलम ने गुरुवार को एआइएमआइएम का दामन थाम लिया. जिससे विधानसभा क्षेत्र में पूरे दिन चर्चा होती रही. पिछले विधानसभा चुनाव में भी एआइएमआइएम ने पलासी प्रखंड के मुर्शिद आलम को विधानसभा टिकट दिया था. लेकिन पार्टी से लेकिन आरोप प्रत्यारोप के कारण उनका टिकट कट गया. एमआइएम ने वर्तमान जोकीहाट विधायक शाहनवाज आलम को टिकट देकर मैदान में उतारा. शाहनवाज आलम जीत हासिल कर सीमांचल सहित बिहार में चर्चा के केंद्र में आ गये क्योंकि उन्होंने राजद के कद्दावर नेता सह अपने ही बडे़ भाई सरफराज आलम को पराजित किया. बाद में शाहनवाज आलम ने सीमांचल के अपने तीन अन्य साथी विधायकों के साथ राजद का दामन थाम लिया जिससे एआइएमआइएम की सीमांचल में कमर टूट गयी. राजनीति के जानकारों की मानें तो पलासी प्रखंड के ग्यारह पंचायतों में उनकी पहचान है लेकिन जोकीहाट प्रखंड के 26 पंचायत व नगर पंचायत जोकीहाट में जमीन मजबूत बनाने में कठिनाई जरूर होगी. क्योंकि यहां वर्तमान विधायक शाहनवाज आलम व पूर्व सांसद सरफराज आलम की पकड़ मजबूत है. जो भी हो लेकिन मुर्शिद आलम के अचानक एआइएमआइएम में जाने से राजनीतिक चर्चा शहर से लेकर गाँव तक अभी से होने लगी है.
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