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प्रदीप ने तीसरी बार अररिया में खिलाया कमल

अररिया लोकसभा सीट पर भाजपा व राजद के बीच सीधी टक्कर में चुनावी बाजी भाजपा के पक्ष में रहा.

मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया अररिया लोकसभा सीट पर भाजपा व राजद के बीच सीधी टक्कर में चुनावी बाजी भाजपा के पक्ष में रहा. भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह ने 20 हजार 94 वोटों के अंतर से राजद प्रत्याशी मो शाहनवाज आलम को करारी शिकस्त दी. चुनाव में प्रदीप कुमार सिंह को कुल 06 लाख 146 मत प्राप्त हुए. वहीं मो शाहनवाज आलम 05 लाख 80 हजार 52 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहें. गौरतलब है कि पोस्टल बैलेट की गिनती में भी बढ़त भाजपा के पक्ष में रहा. कुल 8261 पोस्टल बैलेट की गिनती में प्रदीप कुमार सिंह को 04 हजार 201 वोट मिले. वहीं मो शाहनवाज आलम को 04 हजार 60 मत प्राप्त हुआ. वहीं तीसरे स्थान पर 13746 मत लाकर निर्दलीय प्रत्याशी डॉ शत्रुघ्न मंडल रहें. बता दें कि चुनाव में बड़ी संख्या में मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. चुनाव में अपना दम आजमा रहे सभी 09 उम्मीदवारों के प्रति अपना अविश्वास जाहिर करते हुए लोगों ने 13 हजार 504 वोट नोटा को दिया, जबकि 2019 में इसकी संख्या 20 हजार 618 थी. इस बार का चुनावी जंग भले ही भाजपा के पक्ष में रहा हो, लेकिन यह पूर्व में मिली जीत की तरह रोमांचित करने वाला नहीं है. चुनाव में राजद कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहा व क्षेत्र में अपनी खोयी साख हासिल करने के बेहद करीब पहुंचने में कामयाब रहा. हालांकि, सीट पर भाजपा अपनी जीत को लेकर पहले से आश्वस्त थी, लेकिन बेहद कम अंतर से मिली यह जीत भाजपा खेमा के लिये चिंताजनक कहा जा सकता है. क्योंकि यह क्षेत्र में भाजपा के प्रभाव व जनाधार दोनों में आयी गिरावट का संकेत है. एक लाख 37 हजार की जीत को नहीं दोहरा पायी भाजपा गौरतलब है कि इससे पूर्व 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह को कुल 06 लाख 18 हजार 434 वोट मिले थे. उन्होंने चुनाव में चार लाख 81 हजार 493 वोट प्राप्त करने वाले अपने निकटतम प्रत्याशी राजद के सरफराज आलम को एक लाख 37 हजार 241 मतों के अंतर से पराजित किया था. उस बार चुनाव में नोटा तीसरे स्थान पर था. इस तरह देखा जाये तो वर्ष 2019 की तुलना में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह को इस चुनाव में 18 हजार 288 वोट कम मिले. 2019 की तुलना में राजद ने बढ़ायी 98 हजार 859 वोटों की बढ़त राजद को पिछले चुनाव की तुलना में 98 हजार 859 वोट अधिक प्राप्त हुए. जो क्षेत्र में राजद के लगातार मजबूत हो रहे जनाधार को दर्शाता है. वर्ष 2014 के चुनाव में राजद नेता दिवंगत मो तस्लीमुद्दीन के हाथों प्रदीप को करीब 1.46 लाख वोट के अंतर से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. हालांकि, 2019 में मो सरफराज आलम को एक लाख 37 हजार 241 मतों से चुनाव हरा कर प्रदीप कुमार सिंह ने सरफराज के पिता मो तस्लीमउद्दीन से हार का लगभग बदला ले लिया था. प्रदीप कुमार सिंह की अब तक की सबसे छोटी जीत यही नहीं लोकसभा सीट पर तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह वर्ष 2009 में अपनी प्रतिद्वंदी जाकिर हुसैन खान को 22 हजार 502 वोटों के अंतर से शिकस्त देकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. लिहाजा इस बार के चुनाव में प्रदीप कुमार सिंह को मिली जीत संसदीय चुनाव में उनके अब तक की सबसे छोटी जीत है. वहीं अररिया संसदीय क्षेत्र का अगर राजनीतिक इतिहास खंगाला जाये तो इस मामले में वर्ष 1999 का चुनाव विशेष रूप से उल्लेखनीय है. दो हजार वोट से चुनाव जीते थे सुकदेव जब राष्ट्रीय जनता दल के सुकदेव पासवान महज 02 हजार 169 वोट के अंतर से भाजपा के परमानंद ऋषिदेव को मात देकर लोकसभा पहुंचे थे. यह जीत अररिया लोकसभा पर सबसे कम वोटों के अंतर से होने वाली जीत में शुमार है.

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