अररिया : पूरे देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है. वहीं जिले के डीएम दिन-रात एक किये हुए हैं. कोरोना वायरस को लेकर पल- पल पर नजर बनाये हुए हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सिविल सर्जन की इस प्रकार की पहल में दिलचस्पी नहीं है. जानकारों की मानें तो अगर स्वास्थ्य विभाग के मुखिया इस कठिन परिस्थिति में भी साथ नहीं देते हों, तो आम लोगों को खासी परेशानी हो सकती है. हालांकि आम लोगों किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए डीएम हर पहलू पर काम कर रहे हैं. सीएस की लापरवाही को देखते हुए डीएम उनसे तीन बार स्पष्टीकरण भी पूछ चुके हैं.
जबकि सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सक, एएनएम, प्रबंधक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस संक्रमण पर काम करने के लिए रात-दिन एक किये हुए हैं. बताया जाता है कि आइसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवार के दुख-दर्द को भूलकर रात-दिन मानव सेवा कर रहे हैं. जबकि लॉकडाउन के बाद मात्र एक बार ही सिविल सर्जन सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड गये हैं. रात-दिन सक्रिय हैं स्वास्थ्यकर्मी बताया जाता है कि सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सक, एनएम, अस्पताल प्रबंधक, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी काम में लगे हुए हैं.
सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लगभग रोजाना एक दर्जन से अधिक लोग कोरोना वायरस के संदिग्ध लोग स्क्रीनिंग के लिए आ रहे हैं. चिकित्सक हों या अन्य स्वास्थ्य कर्मी प्रत्येक दिन आठ से 10 घंटा काम कर रहे हैं. बताया जाता है कि कोई भी स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस जैसी घातक संक्रमण से नहीं डर रहे हैं. लोगों को एहतियात बरतने के लिए भी कहा जा रहा है. अस्पताल परिसर में है सीएस कार्यालय फिर भी अस्पताल नहीं आते सीएस बताया जाता है कि सदर अस्पताल परिसर में ही सिविल सर्जन का कार्यालय है. सिविल सर्जन अपने कार्यालय आते हैं. सदर अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड, परामर्श केंद्र व हेल्पलाइन केंद्र एक बार भी देखने के लिए नहीं आते हैं. बताया जाता है कि जब से लॉक डाउन हुआ है तब से मात्र एक बार ही सिविल सर्जन सदर अस्पताल में पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि सीएस कार्यालय परिसर में सदर अस्पताल लाने के बावजूद भी अस्पताल नहीं पहुंचते हैं तो, वह फील्ड वर्क क्या करते होंगे. यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है. हालांकि मामला जो भी हो वर्तमान स्थिति को देखते हुए सिविल सर्जन को सक्रिय होने की जरूरत है.
प्रदीप कुमार सिंहसीएस के विरुद्ध होनी चाहिए कार्रवाई मुझे जानकारी मिल रही है कि सिविल सर्जन इतनी विषम परिस्थिति में भी काम में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. डीएम ने भी उनसे दो बार स्पष्टकीरण पूछ लिया है. जब जिले के स्वास्थ का मुखिया ही कार्य में रुचि नहीं दिखायेंगे तो फिर जिले के अन्य पीएचसी की हालत कैसे दुरुस्त रहेगी. जिले में अभी तेज-तर्रार सीएस की जरूरत है. वर्तमान सीएस के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए, मैं मुख्य सचिव से बात कर इनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करूंगा.
प्रदीप कुमार सिंह, सांसद अररिया