Suicide In Jail: अररिया जेल में बंद एक कैदी ने जेल की छत पर चढ़कर गमछे से बनाया और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृत कैदी को फांसी पर लटकता देख जेल प्रशासन आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल अररिया लेकर पहुंचा, जहां ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक कैदी जोगबनी थाना क्षेत्र के पटेल नगर वार्ड नंबर 7 निवासी शंकर भगत का 32 वर्षीय पुत्र अमित भगत बताया जा रहा है. अमित भगत एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में 15 मई से जेल में बंद था.
योग कार्यक्रम के दौरान लगाई फांसी
घटना की जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि योग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जेल परिसर में योग कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. इस दौरान अमित भगत योग करने नहीं गया और जेल की छत पर लगे लोहे के ग्रिल में गमछा बांधकर फांसी लगा ली. जेल प्रशासन की नजर पड़ने के बाद उसे सदर अस्पताल भेजा गया. जहां डॉक्टर ने कैदी को मृत घोषित कर दिया, इसके बाद मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की गई.
मेरे पति आत्महत्या नहीं कर सकते, बोली मृतक की पत्नी
मृतक कैदी की पत्नी सुमन देवी ने बताया कि गुरुवार को वीडियो कॉलिंग के जरिए पति से बात हुई थी. वह बता रहे थे कि उनके पैर में जख्म है. तो हमने कहा कि दवा ले लो, हम आएंगे तो पैसे दे देंगे, तो उन्होंने कहा ठीक है. इसी बीच शुक्रवार को 11 बजे जेल से संदीप नाम के लड़के का फोन आया कि अमित भगत ने आत्महत्या कर ली है.
पत्नी सुमन देवी रोते हुए कह रही हैं कि हमने कल ही अपने पति से कहा था कि कागजात पटना चले गए हैं और एक महीने के अंदर उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. मेरे पति आत्महत्या नहीं कर सकते, उन्हें जेल में मारा गया है. मेरे पति की मौत रात में हुई और जेल से खबर दिन में 11 बजे मिली.
भाई ने शव लेने से किया इंकार
मृतक के भाई दीपक भगत ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 10:00 बजे उन्हें जेल प्रशासन द्वारा सूचना दी गई कि उनका भाई अमित भगत अब इस दुनिया में नहीं रहा, उन्हें बताया गया कि उनके भाई ने आत्महत्या कर ली है. उन्होंने कहा कि जहां तक उन्हें अपने भाई के बारे में पता है, उनका भाई ऐसा नहीं कर सकता. जेलर की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है. जब तक जेलर को सस्पेंड नहीं किया जाता, तब तक वे अपने भाई का शव नहीं लेंगे.