फारबिसगंज. फारबिसगंज की धरा पर तेरापंथ समाज के लिए एक नया अरुणिम सूर्य साध्वीश्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार के रूप में उदित हुआ है.चिरप्रतीक्षित क्षण आज आ ही गया व साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार का फारबिसगंज की धरा पर 2024 का चातुर्मास के लिये तेरापंथ भवन में मंगल प्रवेश हुआ. साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी तेरापंथ के एकाधिमशास्ता शांतिदूत युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी सुशिष्या है. आचार्य श्री के निर्देशानुसार पर ही वे बंगाल असम की पैदल पदयात्रा करते हुये अब बिहार में चातुर्मास के लिये फारबिसगंज पधारी है. साध्वी श्री स्वर्णरेखा जी अपनी सहवर्ती सतियों के साथ अनूप बोथरा के निवास स्थान से संयम रैली के रूप में सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं के साथ जुलूसबध्द होते हुए तेरापंथ भवन में सुबह 9:15 पर मंगल प्रवेश किया. श्रावक श्राविकाओं की खुशी और उल्लास देखने लायक हीं बनता था .रास्ते में श्रावक श्राविकाओं ने जैन धर्म के नारो के साथ पूरे उमंग और उल्लास में साध्वी श्री को तेरापंथ भवन में प्रवेश करवाया.तत्पश्चात उनके स्वागत का कार्यक्रम तेरापंथ भवन के महाप्रज्ञ कक्षा में रखा गया जिसका कुशल संचालन सभा के मंत्री मनोज भंसाली ने किया. सर्वप्रथम मंगलाचरण दीपक समदरिया के द्वारा किया गया.सभा के मंत्री मनोज भंसाली ने साध्वीश्री का अभिनंदन और स्वागत स्थानीय सभा की तरफ से किया. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा जैसे हीरो में सबसे बेशकीमती हीरा कोहिनूर होता है वैसे ही गुरुदेव ने कोहिनूर जैसी सतियो को फारबिसगंज में चातुर्मास के लिए भेजा है. इसके बाद स्थानीय महिला मंडल की अध्यक्षा सरिता सेठिया के द्वारा स्वागत भाषण व महिला मंडल की बहनों के द्वारा एक सुंदर गीतिका की प्रस्तुति की गई. नेपाल के विराटनगर से नवनिर्वाचित हुई तेरापंथ युवक परिषद की टीम शपथ लेने के लिए पहुंची.
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