भाई बहन के अटूट प्रेम व विश्वास की कहानी है सामा-चकेवा

लोग धूमधाम से मनाते त्योहार

By Prabhat Khabar News Desk | November 11, 2024 8:12 PM

फोटो-21- मिट्टी से बना सामा-चकेवा. प्रतिनिधि, भरगामा प्रखंड क्षेत्र के कुम्हार जोर-शोर से सामा चकेवा के निर्माण में जुट गये हैं. गौरतलब है कि आधुनिकता के इस युग में ग्रामीण समाज के लोग हर साल इसे धू-धाम से मनाते हैं. सामा-चकेवा से जुड़ी पौराणिक कथा के संबंध में महथावा दुर्गा मंदिर के पंडित हरे राम झा ने बताया मिथिलांचल के इलाकों में हर साल हर्षोल्लास पूर्ण माहौल में सामा-चकेवा का त्योहार मनाया जाता है. भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक यह त्योहार मिथिला ही नहीं पूरे बिहारवासियों के लिये खासा महत्व रखता है. यह पर्व पर्यावरण, पशु-पंक्षी व भाई बहन के स्नेह संबंधों का प्रतीक है. यह त्योहार सात दिनों तक चलता है. पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष के सप्तमी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा की रात संपन्न होता है. कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को महिलाएं सामा चकेवा बनाती हैं. इस पर्व को मनाने के दौरान महिलाएं लोक गीत गाती हैं. ———- आजाद एकेडमी में हुए कई कार्यक्रम फोटो-22-कार्यक्रम प्रस्तुत करती स्कूली बच्चियां. प्रतिनिधि, अररिया भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी व प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर सोमवार को आजाद एकेडमी अररिया में स्कूली बच्चों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में अररिया विधायक आबिदुर रहमान शामिल हुए. मौके पर स्कूली बच्चों ने के बीच भाषण, वाद-विवाद, नृत्य, नाटक, कव्वाली सहित अन्य खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शामिल स्कूली बच्चियों को मुख्य अतिथि विधायक आबिदुर रहमान, स्कूल के सचिव अब्दुस सलाम, सैयद शामिन अनवर, मो कफिल उद्दीन सहित उपस्थित अन्य अतिथियों ने पुरस्कृत किया. मौके पर अब्दुल कुद्दूस, जफर शम्सी, अब्दुल कलाम ने भी बच्चों को पुरस्कृत किया. मौके को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि मौलाना आजाद की जयंती पूरे देश में शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. मौलाना आजाद की इल्मी शख्शियत होने के कारण इन्हें मरणोपरांत 1994 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. आज उनके बताये मार्ग पर चलने की जरूरत है. मौके पर स्कूल के सचिव अब्दुस सलाम, प्रिंसिपल अमीन उद्दीन शिक्षक अरशद हुसैन, अरशद अनवर अलिफ, मजहर आलम, ओबेदुर रहमान, सरवर आलम, मो कफिल, अनवर आलम, मुफ्ती तंजील अहमद, मुश्ताक आलम पूर्व वार्ड पार्षद महताब आलम, जफरुल हसन आदि मौजूद थे. मंच संचालन स्कूल के विज्ञान शिक्षक अरशद अनवर अलिफ ने की.

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