डॉल्फिन संरक्षित नदी तट पर बालू खनन घातक
बालू के अवैध खनन पर रोक की मांग
अररिया. जिला गंगा समिति के सदस्य दक्षिणेश्वर प्रसाद राय ने सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए अवैध खनन पहले रोका जाये. विभिन्न कंपनियों द्वारा अवैध बालू खनन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाये. दक्षिणेश्वर ने बताया कि अररिया के परमान नदी में बहुसंख्य मात्रा में डॉल्फिन मछलियों का निवास है. ये मछलियां अररिया से आगे खत्ता घाट (भुना )से लेकर जोगबनी के मीरगंज तक विचरण करती है. लेकिन अवैध खनन के वजह से इन मछलियों का भविष्य खतरे में पड सकती है. इसकी चिंता हम सबको करनी चाहिए. साथ हीं इसके निदान के लिए लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है. सरकार द्वारा बडा हीं सख्त निर्देश है कि जहां जिन नदियों में डॉल्फिन रहती है वहां किसी भी सूरत में नदी के किनारे बालू का खनन नहीं होना चाहिए. दक्षिणेश्वर ने बताया कि सरकार के द्वारा अबतक अररिया में तीन बार जूलॉजिकल सर्वे किया जा चुका है. डॉल्फिन मछलियों का अभयारण्य स्थल अररिया में बनने के आसार भी है. दक्षिणेश्वर ने बताया रेलवे लाइन अररिया गलगलिया बिछाने वाली प्राइवेट कंपनी टीएसआर द्वारा बडे पैमाने पर त्रिशूलिया घाट के आस पास, खवासपुर सौरगांव के तटीय इलाके, बेलवा पुल के दोनों बगल के साथ अन्य जगहों पर भारी मात्रा में बालू का अवैध खनन किया गया है. इतना हीं नहीं सरकार का निर्देश तीन फीट मिट्टी खनन का है लेकिन इस कंपनी द्वारा नियम को ताक पर रखकर सात से दस फीट तक खुलेआम खनन करते हैं जो बिल्कुल हीं अवैध है. खनन के बाद वहां पर्यावरण के हित में पेड लगाने का निर्देश है. लेकिन पूरे जिले में जहां जहां भी खनन किया जा रहा है. वहां एक पौधा तक नहीं लगाया गया है. जो कि पर्यावरण के अनुकूल नहीं माना जा सकता है. दूसरी ओर निजी और बेचने वाले बालू का इस्तेमाल करने वाले खुलेआम बरसात से पहले रानीपुल बरदाहा,झुमकीघाट कनकई नदी टेढ़ागाछ व मीरगंज जोगबनी में भी व्यापक पैमाने पर अवैध खनन किया गया है. दक्षिणेश्वर ने बताया इस अवैध खनन से डॉल्फिन के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. दक्षिणेश्वर ने बताया की वे गंगा समिति का एक सदस्य होने के नाते इस बाबत अररिया डीएम, डीएफओ को भी रेलवे कंपनी समेत अन्य के खिलाफ कठोर कार्रवाई ऐ लिए आवेदन सौंपेंगे व नमामि गंगे पीएमओ को भी विस्तार पूर्वक अवगत कराएंगे. दक्षिणेश्वर ने तत्काल डीएम से इस मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है.
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