कुर्साकांटा. ताराबाड़ी थाना में गत दिनों हुई आत्महत्या की घटना के बाद उग्र भीड़ के उग्र प्रदर्शन व तोड़फोड़ के बाद लगभग पांच दिनों से बंद ताराबाड़ी चौक व बंद दुकानें बुधवार को खोली गयी. जिससे चौक पर पसरा सन्नाटा दूर हो गया. चौक पर दुकान खुलते ही जहां दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी. वहीं चौक पर अगल बगल के लोगों का आवाजाही भी बढ़ती देखी गयी. धीरे धीरे ही सही लेकिन चौक पर का सन्नाटा दूर होकर आम जनजीवन सहित व खुली दुकान से चौक एक बार फिर गुलजार हुआ. दुकानदारों ने बताया कि बंद दुकान व सुनसान सड़कें आमजनों को परेशान कर रही थी. उग्र भीड़ के उग्र प्रदर्शन के बाद दुकानदारों के बीच एक भय व्याप्त रहा कि कहीं प्रशासन सीसीटीवी फुटेज व सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो क्लिप के आधार पर कार्रवाई तो नहीं करेगी. लेकिन पुलिस अधीक्षक अररिया से जारी पत्र व ताराबाड़ी थाना पुलिस का लगातार यह कहने पर कि दोषी के विरुद्ध ही कार्रवाई होगी. निर्दोष के विरुद्ध किसी भी सूरत में कार्रवाई नहीं होगी. जब यह बात सबों को मालूम हुई तो दुकानदार जहां अपनी दुकानें खुलने लगी तो चौक पर आवाजाही भी बढ़ी. दहशत का आलम यह था कि कुर्साकांटा अररिया मुख्य मार्ग होने के कारण वाहन चालक भी चौक पर रुकने की भूल नहीं करते. हालांकि सड़कों पर आने जाने वाले वाहन चालकों का आवागमन सदैव बना रहा. बुधवार को चौक पर स्थित दुकान सहित बाइक शो रूम व अन्य सभी प्रतिष्ठान अमूमन खुल गया. इससे सबसे अधिक खुशी उन ग्रामीणों को हुई जो कि खेत में उगाया गया हरी सब्जी सहित अन्य सामान को लेकर ताराबाड़ी चौक पर आकर बिक्री करते थे. जो कि विगत पांच दिन से बंद पड़ा था. मालूम हो कि ताराबाड़ी चौक के अगल बगल के दर्जनों गांव के लोग जहां रोजमर्रा की वस्तु खरीदने का मुख्य बाजार है. जहां ग्रामीण न केवल जरूरी सामान खरीदने आते थे वरण रोजगार करने भी आते थे. चौक बंद होने के कारण सब कुछ ठप पड़ा था. लेकिन जब सब कुछ ठीक हो गया तो रोजगार पटरी पर आने लगा.
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