अररिया. हाथों को साफ रखने की आदत आपको कई गंभीर बीमारियों से बचाता है. हाथों की ठीक से सफाई नहीं होने पर इसमें मौजूद हजारों बैक्टिीरिया आंख, कान, नाक, मूंह सहित अन्य माध्यमों से हमारे शरीर में दाखिल हो जाता है. जो बाद में कई बीमारियों का कारण बनता है. बीमारियों से बचाव हाथ धोने की उचित आदतों के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के रूप में मनाया जाता है. मौके पर मंगलवार को को जिले के विभिन्न चिकित्सक संस्थानों में हाथों की साफ-सफाई पर केंद्रित विशेष तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. इसमें स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने भाग लिया. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि बच्चों के मामले में हाथों की सफाई विशेषकर महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की होने वाली मौत के मामले में 14 फीसदी मौत डायरिया संबंधी रोगों से होती है. गंदें हाथों से मूंह में या नाक, कान आदि स्थानों को छूना डायरिया के बड़े कारणों में से एक है. इसलिये बच्चों को हाथों की सफाई के प्रति सही जानकारी देना जरूरी है. खाना खाने से पहले, शौच के बाद, आंख, नाक, कान सहित शरीर के किस अन्य अंग को छूने से पहले हाथों की सफाई जरूरी है. डीआईओ ने कहा कि सुमन विधि हाथों की सफाई का आसान व सर्वात्तम तरीका है.
हाथों की सफाई से कई तरह के संक्रमण से बचाव संभव
ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के बारे में बताते हुए सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि हाथों की सफाई किसी तरह के संक्रमण से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया है. कोरोना संक्रमण के खतरों से बचाव में हाथों की सफाई बेहद कारगर साबित हुआ. हाथ शरीर का वो अंग है. जिसकी मदद से हम अपने सभी जरूरी काम निपटाते हैं. हानिकारक बैक्टीरिया हमारे आसपास हर जगह मौजूद होते हैं. जो इतने सूक्ष्म होते हैं कि हमें दिखाई नहीं देते. इसके संपर्क में आने से हानिकारक बैक्टीरिया हमारे हाथों के जरिये शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं और हमें बीमार करते हैं. हाथों को साफ रखकर विभिन्न बीमारियों से बचाव हैंड वॉशिंग डे का मुख्य उद्देश्य है.सुमन-के विधि से करें हाथों की सफाई
हाथों की सफाई के विशेष तकनीक सुमन के बारे में जानकारी देते हुए डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि सुमन-के विधि से 40 से 60 सेकेंड तक हाथों को अच्छे तरीके से साफ कना होता है. इसमें एस यानी सीधा, यू यानि उल्टा, एम यानि मुठ्ठी, ए यानि अंगूठा, एन यानी नाखून व के हाथ के कलाई की सफाई को दर्शाता है. इस विधि में सबसे पहले कलाई, फिर हाथ की उलटी तरफ, फिर मुट्ठी, उसके बाद अंगूठा, फिर नाखून और अंत में फिर कलाई को साफ करना होता है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में हाथों की सफाई पर आधारित विशेष सत्र के दौरान स्थानीय लोगों को इससे जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही उन्हें घरों के आसपास को स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने के लिये प्रेरित किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है