प्रतिनिधि, अररिया. जिले में अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी लैब के खिलाफ विभाग सख्त है. विभाग को बार-बार वैध कागजात व प्रशिक्षित तकनीशियन के बगैर कई पैथोलॉजी लैब संचालित होने की शिकायत प्राप्त हो रही थी. डीएम अनिल कुमार ने ऐसे अवैध क्लिनिक संचालकों के खिलाफ के कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराने के लिये सीएस डॉ केके कश्यप को निर्देशित किया था. डीएम के आदेश पर सीएस ने अररिया पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार निराला के नेतृत्व में विशेष टीम गठित करते हुए जांच का आदेश दिया था. विशेष जांच टीम द्वारा विभिन्न पैथोलॉजी सेंटर की जांच करते हुए विभागीय नियमों को ताक पर रख कर संचालित पांच पैथोलॉजी लैब का कड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी नियमों को ताक पर रख कर संचालित पांच पैथोलॉजी को सील किया है. नियमों के विरुद्ध संचालित लैब पर की गयी कार्रवाई अररिया पीएचसी प्रभारी डॉ पंकज कुमार निराला ने कहा कि जांच के क्रम में संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने, रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण नहीं होने के बावजूद पैथोलॉजी संचालित किये जाने, सहित बिना योग्य तकनीशियन के पैथोलॉजी संचालित किये जाने का मामला सामने आने के बाद जिला मुख्यालय अंतर्गत संचालित पांच पैथोलॉजी लैब को सील किया गया है. उन्होंने बताया कि संबंधित जांच प्रतिवेदन डीएम, सीएस व सदर एसडीओ को उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी लैब के खिलाफ विभागीय कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. पांच पैथोलॉजी लैब किये गये सील विभागीय जांच के दौरान विभागीय मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले जिन पैथोलॉजी लैब को सील किया गया है. उसमें अस्पताल रोड में बापू मार्केट में संचालित बिहार पैथोलॉजी, अस्पताल रोड में टाउन हॉल के सामने संचालित नाइस डायग्नोस्टिक, सीटी हॉस्पिटल में संचालित सीटी पैथोलॉजी, आजाद नगर वार्ड संया 20 में संचालित रिफा पैथोलॉजी, उत्फल मार्केट के प्रथम तल्ला में संचालित न्यू यूनिक पैथोलॉजी का नाम शामिल है. आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई सीएस डॉ केके कश्यप ने बताया कि अवैध पैथोलॉजी लैब पर की गयी कार्रवाई जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी को लेकर किये जा रहे प्रयासों की एक कड़ी है. सभी पैथोलॉजी लैब निर्धारित विभागीय मानक व नियमों का पालन करें. इसे ध्यान में रखते हुए ये कार्रवाई की गयी है. यह अभियान लगातार संचालित किया जायेगा. अवैध रूप से संचालित लैब पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी से मरीजों की जान को खतरा हो सकता है. ऐसे पैथोलॉजी लैब में होने वाले गलत या अधूरे परीक्षण की वजह से मरीजों को सही इलाज मिलने में देरी होती है. उनके जान को खतरा होता है.
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